गजब बेइज्जती: आश्रम में भण्डारा खाने गई ब्लैममेलर पत्रकार को आश्रम वालों ने धक्के देकर निकाला

हरिद्वार। ब्लैकमेलर व दलाल पत्रकारों के आतंक से तीर्थनगरी की जनता परेशान है। दलाल व भिखारी किस्म के पत्रकारों की हरकतें देखकर अब जनता भी इनसे आजिज आ चुकी है। जिस कारण से अब जनता ने इन्हें दुत्कारना शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत एक आश्रम में देखने को मिली।


बता दें कि हाथ में फूंकनी लेकर स्वंय को पत्रकार बताने वाली एक महिला पत्रकार बीते रोज सप्तसरोवर स्थित एक आश्रम में भण्डारा खाने के लिए जा धमकी। गेट पर खड़े आश्रम के संत ने महिला से उसके संबंध में पूछा तो उसने स्वंय को बड़े रौब से पत्रकार बताया। बावजूद इसके आश्रम कर्मी ने महिला को आश्रम में घुसने नहीं दिया। काफी देर तक बेशर्म बनकर खड़ी रही कथित महिला पत्रकार ने कई बार भंडारा खाने के लिए घुसने की कोशिश की, किन्तु उसे निराश होकर वापस लौटना पड़ा।


इस वाक्ये से स्पष्ट हो गया है कि अब बिना बुलाए और ब्लेकमेल करने वालों को दुत्कारने की शुरूआत हो चुकी है। यूं भी इनका पत्रकारिता से कोई सरोकार नहीं है। ये केवल आश्रमों में भण्डारे और कालोनियों में किस के घर के बाहर रेज-बजरी पड़ी है, इसकी ही छानबीन करते रहते हैं। जहां ये दोनों चीजें दिखायी दीं, बस वहीं पर इनका काम शुरू हो जाता है। घरों में यह आम जनता को परेशान कर लोगों से धन उगाही करते हैं और भण्डारे में मुफ्त के खाने के साथ रुपये और मिल जाते है। जब सब कुछ मुफ्त में उपलब्ध हो तो इससे अच्छा काम और क्या हो सकता है। इस कारण से ब्लेकमेलरों और दलालों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है और वास्तविक पत्रकार हासिए पर सिमटते जा रहे हैं।


मजेदार बात यह कि इतना अपमान होने के बाद भी इस ब्लेकमेलर को कोई फर्क नहीं पड़ा और बार-बार यह अपने पत्रकार होने की दुहाई देती रही। जिस प्रकार से ब्लेकमेलर और दलाल किस्म के पत्रकारों के साथ आश्रम में बीते रोज जो हुआ, उसको देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब सभी आश्रम-अखाड़ों में ऐसा देखने को मिलेगा। वैसे बता दें कि इस ब्लेकमेलर पत्रकार के साथ अब एक दूसरी ब्लेकमेलर युवती पार्टनर बना गई है। पार्टनर कुछ दिन पूर्व रूड़की में उगाही करते हुए पिटने से बाल-बाल बची। जिसके चर्च शहर में काफी हैं।

भण्डारे में न आए कोई भी फर्जी पत्रकार


उधर षड् दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिती के श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि ऋषिकेश के आश्रम में कोई भी फर्जी, पत्रकार बनकर ना आये। ना भण्ड़ारे में और ना पत्रकार बनकर। कहाकि जिसको साधु समाज निमंत्रण देगा उसको समिती मीडि़या का पास बना कर देगी। जिस पर पास होगा वहीं आश्रम में प्रवेश के लिए मान्य होगा, नहीं उसे भण्डारे में नहीं आने दिया जाएगा, जिस प्रकार हरिद्वार के आश्रम में प्रवेश नहीं करने दिया, ठीक वैसा ही फर्जी पत्रकारों और भण्डारा खाऊ पत्रकारों के साथ किया जाएगा।

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