हरिद्वार। विगत दो दिन पूर्व श्री दक्षिण काली मंदिर में देवी दर्शनों के लिए आए श्रद्धालुओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटे जाने की स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इस घटना को पुलिस प्रशासन को मुंड चिढ़ाने वाली घटना करार देते हुए मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने वीड़ियों में दिखायी दे रहे लाठी-डंडों से हमला करने वालों की भी जांच की मांग करते हुए कहाकि जिस प्रकार से हमला किया जा रहा है उसको देखते हमला पेशेवरों जैसा है।
बता दें कि दो दिन पूर्व चंडी घाट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को मंदिर का गेट बंदकर लाठी-डंडों से हमला किया था। वजह मंदिर परिसर में स्थित पार्किंग की रसीद को लेकर होना बताया गया है।
इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कनखल रामकृ ष्ण मिशन मार्ग स्थित श्री सरस्वती आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने हमले की निंदा करते हुए कहाकि भगवान के दर पर आने वालों को इस तहर से जानवरों की भांति पिटा गया। यह घटना पुलिस प्रशासन को मुंह चिढ़ाने जैसी है। कहाकि जब पुलिस किसी भी वायरल वीडियो पर संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज कर लेती है, तो इस घटना में पुलिस ने ऐसा क्यों नहीं किया। जबकि जिस तरह से श्रद्धालुओं को पीटा जा रहा है, उसमें किसी की जान भी जा सकती थी। उन्होंने हमला करने वालों के आपराधिक इतिहास की भी जांच की मांग की।
स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि जो भी हुआ गैर कानूनी हुआ और जो हो रहा है वह भी गैरकानूनी है। कारण की दक्षिण काली मंदिर स्वामी कैलाशानंद की निजी सम्पत्ति नहीं है। मंदिर का क्षेत्र सिंचाई विभाग व वन विभाग की जमीन का है। ऐसे में दूसरे की जमीन पर पार्किंग का संचालन गैर कानूनी है। साथ ही पार्किंग के लिए जीएसटी नम्बर लेना अनिवार्य होता है। ऐसे में गैर कानूनी कार्य को मंदिर से संचालित करना धर्म के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। स्वामी महेश्वरानंद ने कहाकि यदि पार्किंग है तो उसका जीएसटी नंबर कहां है।
कहाकि सबसे बड़ा सवाल तो यह की निरंजनी अखाड़े का संत होकर अग्नि अखाड़े की सम्पत्ति पर व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन कैसे किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि पुलिस प्रशासन को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही गैर कानूनी ढ़ग से बिना जीएसटी नंबर के संचालित हो रही पार्किंग मामले की भी जांच करनी चाहिए। उन्होंने देवभूमि क्या भारत की परम्परा अतिथि देवो भवः की रही है। साथ ही डबल इंजन की धर्म की रक्षक कहे जाने वाली सरकार के रहते हुए इस प्रकार की घटना मानवतां को शर्मसार करने वाली है, साथ ही धर्मावलम्बियों की भावनाओं को आहत करने वाली है। कहाकि उत्तराखण्ड पुलिस का स्लोगन मित्र पुलिस होते हुए भी इस प्रकार की घटना पर पुलिस द्वारा संज्ञान न लिया जाना पुलिस प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।