स्वामी हितेश्वरानंद बनेंगे महानिर्वाणी अखाड़े से महामंडलेश्वर

26 जनवरी को प्रयागराज कुंभ में होगा महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक
हरिद्वार। श्री मानव कल्याण आश्रम हरिद्वार के महंत स्वामी दुर्गेशानंद महाराज के शिष्य स्वामी हितेश्वरानंद प्रयागराज में 26 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर बनने जा रहे हैं। राजस्थान के चावंड क्षेत्र के लिए यह गौरव का विषय है। मेवाड़ क्षेत्र के किसी संत को पहली बार महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है।

कटावला मठ चावंड उदयपुर के महंत स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज को महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है। 26 जनवरी को महाकुंभ के एक भव्य समारोह में श्री मानव कल्याण आश्रम के महंत दुर्गेशानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज का पट्टाभिषेक किया जाएगा।

महाराणा प्रताप की निर्वाण स्थली चावंड में लगभग 550 वर्ष पुराना जागनाथ महादेव मंदिर कटावला मठ है। अप्रैल 2021 में मानव कल्याण आश्रम के परमाध्यक्ष महंत स्वामी दुर्गेशानंद सरस्वती महाराज ने कटावला मठ के पीठाधीश्वर घनश्याम ब्रह्मचारी बाव जी को संन्यास दीक्षा देकर अपना शिष्य घोषित किया और उन्हें स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती के नाम से दीक्षित कर संन्यास परंपरा का अनुगामी बनाया था।

संत घनश्याम बाव जी के नाम से प्रसिद्ध स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज का जन्म चाणोद, सुमेरपुर जिला पाली में हुआ। श्रीमाली ब्राह्मण कुल में जन्मे घनश्याम ब्रह्मचारी बाव जी की माता का नाम मां हुलासी देवी जी है। ननिहाल केलवाड़ा कुंभलगढ़ के संत घनश्याम ब्रह्मचारी बाव जी ने ब्रह्मचारी जीवन से सीधा संन्यास जीवन में प्रवेश लिया। गुरु परंपरा स्वामी दुर्गेशानंद जी सरस्वती महंत श्री मानव कल्याण आश्रम हरिद्वार का अनुगमन करते हुए वे बीते 14 से अधिक वर्ष से कटावला मठ चावंड में निवासरत हैं।

स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज कटावला मठ में रह कर साधना और समाज कल्याण का कार्य निरंतर करते रहे हैं। उन्होंने कोराना काल में अपनी पूरी संपत्ति आदिवासियों के कल्याण के लिए दान में दे दी। उनके सेवा और धर्म का मार्ग अनुकरणीय है। यही कारण है कि स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज की प्रसिद्धि राजस्थान से बाहर देश-दुनिया भर में फैल रही है। ये मेवाड़ क्षेत्र के लिए हर्ष का विषय है कि यहां के संत और भक्ति परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज को महामंडलेश्वर बनाने का निर्णय श्री पंचायती निर्वाणी अखाड़ा ने एक धार्मिक कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख संतों की उपस्थिति में लिया गया था। स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती महाराज के पट्टाभिषेक की तैयारियां जोरों से चल रहीं हैं।

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