पुनः हो अखाड़ों की संरचना, शास्त्र के साथ मिले शस्त्र का ज्ञानः आनन्द स्वरूप

शाम्भवी पीठाधीश्वर ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष को लिखा पत्र पुनः हो अखाड़ों की संरचना, शास्त्र के साथ मिले शस्त्र का ज्ञानः आनन्द स्वरूप

हरिद्वार। शांम्भवी पीठाधीश्वर व काली सेना प्रमुख स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविनद्र पुरी महाराज को पत्र भेजकर अखाड़ों की पुनः संरचना करने तथा उन्हें शास्त्र के साथ शस्त्र का ज्ञान देने की अपील की है।


पत्र में स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहाकि बीते रोज बांग्लादेश में हुई घटना को देखते हुए आने वाले समय में भारत भी इन परिस्थितियों का सामना कर सकता है। आदि शंकर की परंपरा में जब अखाड़े बने तो इसी धर्म युद्ध के लिए बने थे। आज जब पुनः इस्लामिक खतरा भारत तथा विश्व के समस्त हिंदुओं पर या यूं कहूं कि गैर मुसलमानों पर आन पड़े हैं तब अखाड़े की भूमिका प्रासंगिक हो जाती है।


उन्होंने अनुरोध करते हुए कहाकि आने वाले समय में समस्त अखाड़ों की पुनः संरचना की जाए। उन्हें शास्त्र के साथ ही शस्त्र का भी प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे आने वाले समय में जब कभी सरकार अपना हाथ पीछे हटा ले और हिंदुओं के सुरक्षा में खड़ी ना हो तो यह अखाड़े उनकी सुरक्षा में ठीक वैसे ही खड़े हो जाएं जैसे कि उन्होंने हुमायूं, अकबर, औरंगजेब, अहमद शाह अब्दाली आदि आक्रांताओं से हिंदुओं की रक्षा के लिए खड़े हुए थे।

उन्होंने कहाकि यह दुःखद है की आज के समय में अखाड़े बिल्कुल निष्प्रयोग्य हो गए हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी की आप जैसे योग्य व्यक्ति के नेतृत्व में अखाड़े फिर से खड़े होंगे और हिंदुओं का संरक्षण करेंगे। कहाकि जैसी परिस्थितियां आज लग रही हैं कभी भी हम पाकिस्तान, बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े नहीं होते। दुनिया में अन्य जगहों पर जो हिंदू समाज है उनके साथ खड़े नहीं होते तो आखिर अखाड़ों का उपयोग क्या है।

उन्होंने कहाकि बांग्लादेश से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए भारत में अखाड़ों को पुनः शास्त्र तथा शस्त्र से सुसज्जित करके हिंदू समाज में व्याप्त भय के वातावरण को ठीक करने की दिशा में कदम उठाएं। कहाकि यदि जरूरत पड़े तो सभी नागा साधुओं के साथ बांग्लादेश प्रस्थान करेंगे।

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