हरिद्वार। प्राचीन सिद्ध पीठ श्री सूरत गिरी बांग्ला गिरीशानंद आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी महाराज के पावन सानिध्य में आचार्य ने श्रावणी पर्व श्रद्धा के साथ मनाया। इस अवसर पर सामूहिक उपनयन संस्कार का आयोजन भी किया गया, जिसमें दर्जनों बुटकों ने उपनयन संस्कार के पश्चात वेदारंभ शिक्षा प्रारंभ की।
इस अवसर पर बटुकों व आचार्यों को अपना आशीर्वचन देते हुए आश्रम के परम अध्यक्ष महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रावणी पर्व का सनातन संस्कृति में बड़ा महत्व है।
यह पर्व खासा महत्व रखता है। इस दिन बटुक उपनयन संस्कार के पश्चात द्विज बनता है और वेद अध्ययन का अधिकारी हो जाता है।

उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में चार वेद, चार वर्ण, चार पर्व है, जिसमें ब्राह्मण के लिए श्रावणी पर्व का विशेष महत्व है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिंदू को अपनी परंपराओं को और धर्म की रक्षा के लिए आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए। उन्होंने उपनयन संस्कार करने वाले ब्राह्मणों को भी सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए तैयार रहने का आवाहन किया।

आचार्य पंडित शिवपूजन के नेतृत्व में संस्कार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में वेदपाठी ब्राह्मण, भक्तगण आश्रम के संत उपस्थित रहे।
उधर धर्म रक्षा मिशन द्वारा राजघाट कनखल में श्रावणी उपाक्रम रक्षाबंधन के महापर्व पर श्रावणी उपाकर्म किया गया जिसमें सभी ब्राह्मणों ने मिलकर यज्ञोपवितों की प्राण प्रतिष्ठा की उससे पूर्व वर्ष भर के किए हुए जाने अनजाने पापों का प्रायश्चित रूप दश विद स्नान किया ।

गंगा जी की मृतिका , भस्म , गांय के गोबर से स्नान किया पंचगव्य प्राशन किया ऋषि तर्पण आदि किया तत्पश्चात गणपति नवग्रह कलश इत्यादि की पूजा कर कर सप्त ऋषियों की स्थापना की सप्तर्षियों की स्थापना के पश्चात यज्ञोपवीत में सभी देवी देवताओं का आवाहन प्राण प्रतिष्ठा पूजन आदि किया तथा ऋषियों की प्राण प्रतिष्ठा एवं कृपा प्राप्त करने के लिए वेद पाठ आदि किया गया जिसमें सभी ब्राह्मणों ने भाग लिया। श्रावणी उपक्रम में भाग लेने में आचार्य नितिन शुक्ला, डॉक्टर प्रतीक मिश्रापुरी, दीप रतन शर्मा नीरज शुक्ला विनीत पाराशर अभिनव शुक्ला, यज्ञ चक्रपाणि, मनोज शर्मा आदित्य शर्मा अंकित शर्मा, रचित शर्मा , नीतीश सिखोला,अमित मिश्रा, मनोज शर्मा, प्रहलाद चौबे, योगेश शर्मा, दीपांशु कौशिक, अनमोल वशिष्ठ, अक्षत वशिष्ठ, नितिन झा, शिवम गौतम, मानविक गौतम,आदि ब्राह्मणों ने श्रावणी उपक्रम विधि विधान से किया।