शिव पूजा से होती है अनन्त पुण्यफल की प्राप्ति: त्रिवेणी दास

हरिद्वार। श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर का 30वां शिवरात्रि महोत्सव व विश्व शांति यज्ञ का मंगलवार का शुभारम्भ हो गया। तीन दिनों तक चलने वाले यज्ञ की पूर्णाहुति 27 फरवरी को होगी।


पं.दीपक शास्त्री के आर्चायत्व में आरम्भ हुए विश्व शांति यज्ञ के शुभारम्भ पर श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए मंदिर के श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने बताया कि लोक कल्याण की कामना से इस यज्ञ का अनुष्ठान किया गया है।


उन्होंने कहाकि भगवान शिव ही सृष्टि के पालनहार हैं। भगवान शिव की पूजा, उपासना करने वाले को कभी किसी भी पदार्थ की कमी नहीं रहती। इसी कारण भगवान शिव को विश्वेश्वर भी कहा गया है। उन्होंने कहाकि यूं तो प्रतिदिन शिव पूजन करना चाहिए, किन्तु जो व्यक्ति सच्ची निष्ठा और भक्ति से भगवान शिव की चतुर्थ प्रहर की पूजा करता है उसे अनन्त पुण्य फल की प्राप्ति होती है और अंतकाल में वह शिवलोक का प्राप्त होता है।


उन्होंने कहाकि कनखल नगरी भगवान शिव की ससुराल है। यहां समस्त देवी-देवताओं की चरण धूलि पड़ी है। इस कारण से यहां का कण-कण शिव है। कहाकि यूं तो शिवोपासना में विभिन्न प्रकार की सामग्री का प्रयोग होता है, किन्तु जो सक्षम नहीं है। उनके एक लोटा जल मात्र से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।


बताया कि बुधवार को यज्ञ के दूसरे दिन शिवरात्रि पर भगवान श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव की बारात निकाली जाएगी। बारात दोपहर मंदिर प्रंागण से आरम्भ होकर नगर भ्रमण के पश्चात मंदिर परिसर पहुंचकर ही सम्पन्न होगी। रात्रि 8 बजे से भगवान शिव की चतुर्थ प्रहर की पूजा का आयोजन किया जाएगा। 27 फरवरी को प्रातः भगवान शिव का अभिषेक श्रृंगार, संत सम्मेलन, यज्ञ की पूर्णाहुति तथा विशाल भण्डारे के आयोजन के साथ यज्ञ का समापन होगा। उन्होंने सभी श्रद्धालु भक्तों से आयोजन में सम्मलित होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने की अपील की।

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