कनखल का कंकर-कंकर शिवरूपः त्रिवेणी दास

श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर का श्रावण मास महोत्सव रविवार को


हरिद्वार।
देवाधिदेव महादेव शिव के प्रिय मास श्रावण में चहुंओर भोले भंडारी की जय जयकार गुंजायमान है। हर कोई भोले की भक्ति में लीन है। अभिषेक का दौर शिवालयों में निरंतर चल रहा है। संन्यायी अपने चातुर्मास में भगवान शिव की भक्ति में लीन है। कनखल नगरी में भगवान शिव पूरे श्रावण विराजमान रहकर भक्तों का कल्याण करते हैं। ऐसे में शिव की कृपा प्राप्त करने का एक ही सरल उपाय है की भगवान शिव का चिंतन, मनन, जप, पूजन और अभिषेक किया जाए। यदि इतना भी न बन सके तो एक लोटा जल ही उनको चढ़ाने मात्र से कल्याण संभव है।

जब समूची नगरी शिवमय है तो रविवार को भी भगवान श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव में श्रावण मास उत्सव में क्यों न सम्मलित हुआ जाए। रविवार को कनखल सतीघाट स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर महादेव का 32वां श्रावण मास महोत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जाएगा।


इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर के श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहाकि रविवार को श्रावण मास उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें प्रातः 8 बजे गणेश पूजन, भगवान शिव का अभिषेक होगा। इसके पश्चात संत सम्मेलन व विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा।


उन्होंने कहाकि देवभूमि उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक कंकर-कंकर शंकर है। यदि बात कनखल नगरी की करें तो यहां की महिमा तो अद्भुत है। यह एक मात्र ऐसी नगरी है जहां 33 कोटि देवी-देवताओं का आगमन हुआ। ऐसे स्थान पर शिव को पूजन, दर्शन, चिंतन करने से व्यक्ति शिवलोक का प्राप्त करता है। उन्होंने सभी भक्तों ने रविवार को होने वाले महोत्सव में आकर भगवान शिव की कृ पा प्राप्त करने का अनुरोध किया।

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