प्रयागराज। श्री शंभू दशनाम अखाड़े के श्री महंत गोपाल गिरि महाराज ने कहा कि पूर्ण कुम्भ मेला 1954 मे कुम्भ दर्शन को देखने लिये उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री पंडित गोविन्द बल्लभ पंत और प्रधान मन्त्री जवाहर लाल नेहरू व महामहिम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने कुंभ मेले का मुआयना किया था। इसी दौरान नेहरू ने हिन्दुओं के इस संगठन को तोड़ने की ठानी और अखाड़ा परिषद बनाने की पहल कराई। कुम्भ मे साधुओं को समुचित व्यवस्था मिले यह बोलकर अखाड़ा परिषद बना दिया।
कहा कि आज अखाड़ों को उसी का परिणाम भोगना पड़ रहा है। कहा कि उस समय नेहरू ने अखाड़ों के आगे सुविधा देने का चुग्गा डाला। परन्तु आज अखाड़ा परिषद को तोड़ा की कुछ ना देना पड़े। परिषद भंग रहे और माल बना लें मेला अधिकारी और प्रदेश व केन्द्र के मन्त्रीगण ।
श्री महंत गोपाल गिरि महाराज ने कहा कि रोज मंत्रियों का कुम्भ मे आना व्यवस्था की जांच करना नहीं, बल्कि मेला अधिकारी को बचाने के लिए ये सब हो रहा है कि वह मन्त्री की व्यवस्था में थे। कहा कि यदि नेता मेले की प्रति संजीदा हैं तो मेला अधिकारी ने पहले काम क्यों किया नही और अब करना नही है।
कहा कि अब मेला अधिकारी मिलता नही है।मेला अधिकारी को दिये गये आवेदन चाहे 2017 हो, चाहे 2019 चाहे 2025 हो देखे आवेदन ज्यों के त्यों है ।
कहा कि अभी तक जमीन हर सैक्टर मे खाली है और दलाल लगे है पैसे दो और भूमि में टैन्ट लगवा के दंगे बस पैसे दो सब मिलेगा ।