हरिद्वार। मातृ सदन आश्रम के एडवोकेट अरुण भदोरिया व कमल भदोरिया एडवोकेट ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मातृसदन आश्रम के संतों व स्वामी शिवानंद महाराज की सुरक्षा के लिए 18 पुलिस कर्मियों की तैनाती की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि मातृ सदन एक आध्यात्मिक संस्था है और गंगा जी में कोई अवैध खनन न हो और गंगा अविरल बहती रहे आश्रम मातृ सदन का हमेशा से यही प्रयास रहा है। आश्रम द्वारा समाज व जनहित में बहुत कार्य किए गए हैं। कुंभ क्षेत्र हरिद्वार के 108 हेक्टर वन भूमि जिसको भू माफियाओं ने रेवेन्यू के रिकॉर्ड में जालसाजी करके अपने नाम दर्ज करवा लिया था।
मातृ सदन द्वारा उच्च न्यायालय उत्तराखंड में याचिका दायर करके भू माफियाओं से उक्त भूमि वन विभाग को दिलवाई।
आश्रम के संत स्वामी निगमानंद सरस्वती व ब्रह्मलीन स्वामी ज्ञान स्वरूप आनंद ने भी अपना 111 दिन की तपस्या करके गंगा जी के लिए अपना बलिदान दिया। जिस कारण माफिया किस्म के लोग षड्यंत्र के तहत किसी न किसी साजिश के तहत आश्रम के संतों को भी नुकसान पहुंचाने में लगे रहते हैं।
अरुण भदोरिया एडवोकेट ने बताया कि वर्तमान में जो याचिका दायर की गई थी जिसमें उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा 30 जुलाई 2025 में जनपद हरिद्वार में अवैध रूप से कार्य कर रहे 48 स्टोन को तत्काल प्रभाव से बंद करने बिजली, पानी तक काटे जाने के आदेश जिलाधिकारी हरिद्वार व एसएसपी हरिद्वार को आदेश पारित किए हैं, जिससे खनन माफिया में तहलका मचा हुआ है। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा स्टोन क्रेशर को पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश के कारण कोई ना कोई षड्यंत्र करके कोई अनहोनी आश्रम में अंजाम दी जा सकती है। आश्रम लगभग जंगल में है और वर्तमान की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है की होने वाली आशंका को देखते हुए आश्रम के सभी संतों की सुरक्षा हेतु 18 पुलिस कर्मी स्थाई रूप से तैनात किए जाने जाएं।