बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए सरकारः पुरी

संतों ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भेजा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
हरिद्वार।
सनातन हिंदू धर्म के समस्त 13 अखाड़ांे ने बांग्लादेश वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ षडयंत्र पूर्वक बर्बरता व अमानवीय व्यवहार हो रहा है, इसके विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर हिन्दुओं के खिलाफ हो रही बर्बरता रोकने व शांति स्थापना के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की।


इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि बांग्लादेश में हिन्दुओं की भयावह स्थिति है। हिन्दुओं के मान बिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहाकि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ या तो उसका सरकार को पता नहीं था या फिर यह खुफिया विभाग की नाकामी है। उन्होंने कहाकि यह एक संवेदनशील मामला है। भारत की चार हजार किलोमीटर लम्बी सीमा है। ऐसे में सीमा पार एक और पाकिस्तान बनने के हालात उत्पन्न हो गए हैं, जो भारत के लिए बड़ी समस्या हो सकते हैं। विगत 75 वर्षों से एक पाकिस्तान से ही देश परेशान है, ऐसे में एक और कट्टरपंथी जमात खड़ी हो गई तो भारत के लिए विकट समस्या उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने कहाकि केन्द्र सरकार अन्तराष्ट्रीय दवाब बनाए और बांग्लादेश को कड़ी चेतावनी दे, जिससे हिन्दुओं की सुरक्षा की गांरटी हो सकेे।


महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि महाराज ने कहाकि बांग्लादेश की घटना से हिन्दू समाज उद्धेलित है। वहां महिलाओं, बच्चियों के साथ बलात्कार कर उनकी हत्या की जा रही है। चुन-चुन कर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। कहाकि हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या व बांग्लादेशी मुसलमान रह रहे हैं। उन्हें भी चुन-चुन कर देश से बाहर किया जाना चाहिए। अन्यथा देश के लिए ये बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकते हैं।


महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहाकि बांग्लादेश की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। केन्द्र सरकार को वहां हिन्दुओं व मंठ-मंदिरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहाकि एक वर्ग विशेष से प्रेम का समय-समय पर इजहार करने वाले आज चुप क्यों हैं। हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आज उनकी जुबान बंद है। कहाकि भारत की मदद से फलने-फुलने वाले बांग्लादेश की नई पीढ़ी में जहर घोलकर भारत को कमजारे करने की कोशिश की जा रही है। सरकार को सतर्कता ने ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

महामण्डलेश्वर स्वमी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहाकि बांग्ला देश में हिन्दुओं की आबादी लगातार घटती जा रही है। उनको टारगेटकर उन पर जुल्म किए जा रहे हैं। भारत सरकार को चाहिए की पूर्व की भांति बांग्लादेश के दो टुकड़े कर एक को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे। उन्होंने कहाकि यदि हिन्दुओं पर हमले नहीं रूके तो भारत का संत समाज जरूरत पड़ने पर बांग्लादेश कूच भी करने के लिए तैयार है। सामूहिक हत्याएं, बलात्कार, लूटपाट का दृश्य पूरे विश्व की मानवता को शर्मसार कर रहा है।

कहाकि वहां की लोकतांत्रिक सरकार को जिस प्रकार से सेना और इस्लामिक कट्टरपंथी द्वारा के सत्ता परिवर्तन के इस खेल को दुनिया ने देखा है वहां का प्रधानमंत्री तक सुरक्षित नहीं देश छोड़कर भागना पड़ रहा है तो वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू समाज अपनी रक्षा कैसे कर सकेगा। आश्चर्य है कि पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आज हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के लिए मौन बैठा है।
इससे पूर्व संतों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेन्द्र दास महाराज, संत जगजीत सिंह, कारोबारी गोविन्द दास महाराज आदि अनेक संत मौजूद रहे।

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