विवाद की असली वजह पद की लोलुपता और सर्वेसर्वा बने रहने की चाहत
प्रयागराज में कंुंभ के लिए मेला प्रशासन द्वारा बुलाई बैठक में संतों के बीच जो जुतम पैजार हुई, उससे संतों की छवि के साथ सनातन को गहरा आघात पहुंचा है। मामला भले ही दोनों पक्ष कुछ और बता रहे होे, किन्तु यह साफ है कि पद के लिए वर्चस्व की जंग के सिवा और कुछ नहीं हैं। एक व्यक्ति वर्षों से पद छोड़ना नहीं चाहता और स्वयं सर्वेसर्वा बना रहना चाहता है। यही कारण की हैं देहरादून जाते समय ब्रह्मलीन नरेन्द्र गिरि महाराज को गाड़ी में ही पिटाने पर महाशय उतारू हो गए थे। उस समय गाड़ी में मौजूद अन्य लोगों ने बीच बचाव किया, किन्तु गाली-गलौच ऐसी की गई की सुनने वाला भी शर्मसार हो जाए।
वहीं मेला प्राधिकरण कार्यालय प्रयागराज में मारपीट के बाद अखाड़ा परिषद के दोनों धड़े के संतों ने एक-दूसरे पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है। हमले के बाद निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने एक धड़े के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी, महामंत्री हरि गिरि और जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि समेत 20-25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तहरीर दी है। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और जूना अखाड़े के अध्यक्ष प्रेम गिरि ने भी राजेंद्र दास और उनके समर्थकों के खिलाफ मेलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया और दोषियों के खिलाफ एफआईआर की गुहार लगाई।
महंत राजेंद्र दास ने अपनी तहरीर में लिखा है कि दोपहर दो बजे मेला कार्यालय में भूमि अवलोकन के लिए बुलाया गया था। बैठक से पहले ही जूना अखाड़े के महंत हरि गिरि, महंत प्रेम गिरि और निरंजनी अखाड़े के रवींद्र पुरी ने अपने समर्थकों के साथ उन पर जानलेवा हमला कर दिया। मारपीट के बाद उनको जान से मारने की धमकी भी दी गई। हमले की यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है।
महंत राजेंद्र दास पर हमले के विरोध में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, पंचायती अखाड़ा शंभू अटल, पंचायती अखाड़ा निर्मल, पंच निर्मोही अनि, पंच दिगंबर अनि और पंच निर्वाणी अनि के प्रतिनिधियों ने एक साथ मेलाधिकारी को संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र दिया। इसमें छह अखाड़े के पदाधिकारियों ने राजेंद्र दास पर हमला करने वाले संतों पर एफआईआर लिखकर कार्रवाई करने की बात कही है।
साथ ही मेला प्रशासन को चेताया है कि अगर एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह मेला प्रशासन की ओर से बुलाई गई किसी भी बैठक और कुंभ में हिस्सा नहीं लेंगे। उधर, शाम को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि ने भी मेलाधिकारी को अलग-अलग शिकायती पत्र दिया। प्रेम गिरि ने अपनी शिकायत में कहा है कि भूमि आवंटन से पहले मेला कार्यालय में पूजापाठ और देवताओं स्तुति चल रही थी। उसी समय पीछे से निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास कई साधुओं को लेकर आए और शोर मचाते हुए पूजा पाठ में व्यवधान पैदा करने लगे। मना करने पर राजेंद्र दास ने अपने वैरागी परंपरा के समर्थकों के साथ मेरे और महंत रवींद्र पुरी और महंत हरि गिरि पर जानलेवा हमला कर दिया। कपड़े फाड़ डाले और धमकी देने लगे कि हनुमान गढ़ी और चित्रकूट से हजारों साधुओं को बुलाकर इन सबको ठिकाने लगा देंगे।
इसी तरह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने अपनी तहरीर में राजेंद्र दास पर हमला करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजेंद्र दास इससे पहले हरिद्वार कुंभ में भी अपर मेलाधिकारी पर हमला कर चुके हैं। उज्जैन कुंभ में भी उन्होंने मारपीट और विवाद पैदा किया था।