हरिद्वार। चुनावी शंखनांद हो चुका है। जिन्हें टिकट मिला वे चुनावी तैयारियों के साथ रूठों को मनाने में जुटे हैं। जो टिकट से वंचित रह गए वह या तो बागी तेवर अपना रहे है। या फिर साथ रहते हुए जड़ों मे मट्ठा देने की कवायद में लग चुके हैं। यूं तो हरिद्वार शहर सीट जनपद में सबसे हॉट सीट मानी जा रही है। किन्तु सभी सीटों पर मुकाबला कड़ा है।
बात यदि रानीपुर विधानसभा सीट की करें तो यहां भाजपा ने तीसरी बार आदेश चौहान पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने चौहान के मुकाबले चौहान को उतारकर चौहान वोट में सेंध लगाकार उसके सहारे चुनावी नैया पार करने की रणनीति पर अमल किया है। किन्तु कांग्रेस की यह रणनीति विफल साबित होती दिखायी दे रही है। कांग्रेस के राजबीर सिंह चौहान को टिकट देने के बाद यहां बगावत के स्वर तीव्र हो गए हैं। महेश राणा ने टिकट कटने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। जबकि और भी टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस से खफा बताए जा रहे हैं और वह चुनाव में पार्टी लाईन से हटकर काम करेंगे। चुनाव मैदान में उतरने के साथ कांग्रेस की गुटबाजी और बगावती तेवरों ने भाजपा की राह को आसान कर दिया है। हालांकि रानीपुर सीट पर इस बार मुकाबला काफी रोमांचक माना जा रहा था, किन्तु कांग्रेसियों के बिखराव ने भाजपा की लाटरी निकाल दी है। रानीपुर सीट से कांग्रेस कई खेमों में बंटी नजर आ रही है, जबकि भाजपा इस सीट से एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतर रही है। जिसका उसको लाभ होगा।

रानीपुर सीटः कांग्रेस के अपने ही कर विरोधियों की राह आसान


