उत्तराखंड पुलिस के एक अधिकारी ने समाज में मिसाल पेश की है। उत्तराखंड पुलिस का ये अधिकारी खाकी पहनकर समाज की सेवा कर रहा है। वहीं, मरणोपरांत भी समाजसेवा करने का संकल्प अभी से ले लिया है। उन्होंने अपना शरीर एम्स ऋषिकेश को दान कर दिया है। ये अधिकारी हैं पुलिस उपनिरीक्षक कृष्णकांत सिंह।
कृष्णकांत सिंह उत्तराखंड पुलिस के पहले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने देहदान करने का फैसला लिया है। कृष्णकांत सिंह फिलहाल देहरादून जिले के त्यूनी थाना में प्रभारी के पद पर तैनात हैं। उन्होंने स्वेच्छा से देह दान करने का संकल्प लिया है। एम्स एनाटॉमी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बृजेंद्र सिंह के मुताबिक देह दान संबंधी अनुबंध पत्र पर कृष्णकांत सिंह के दस्तखत के बाद उन्हें इसका प्रमाण पत्र भी दिया गया है।
उप निरीक्षक कृष्णकांत सिंह ने बताया कि पुलिस की नौकरी में समाजसेवा का सिलसिला जारी है। मन में जीते जी सेवा के साथ ही मरणोपरांत भी जनसेवा का विचार आया। सोचा कि क्यों न मृत्यु के बाद मेरा शरीर भी किसी के काम आए। इसी मकसद को लेकर उन्होंने अपनी देह को दान करने का फैसला किया है। मृत्यु के बाद भी मेरे अंग जरूरतमंद लोगों के काम आएंगे। मेडिकल के छात्रों के लिए मेरा शरीर अनुसंधान के भी काम आएगा। परिजनों ने भी कृष्णकांत सिंह के इस फैसले की सराहना की है। कृष्णकांत सिंह के परिवार में मां, पत्नी और दो बेटे हैं। उन्होंने बताया की इस फैसले से मेरे साथ मेरे परिवार के लोग भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। एम्स के शारीरिक संरचना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बृजेंद्र सिंह ने बताया कि दान किए गए शरीर का उपयोग संस्थान में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में किया जाएगा। मेडिकल छात्रों को शारीरिक संरचना पढ़ाने के लिए देह यानी शरीर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे छात्र शरीर के स्ट्रक्चर और वह किस तरह से काम करता है, इसके बारे में पढ़ते हैं। सर्जन्स, डेंटिस्ट, फिजिशियन और अन्य हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के कोर्स में यह सबसे अहम हिस्सा माना जाता है।


सराहनीय पहलः उत्तराखंड का ये पुलिस अफसर एम्स को करेगा देहदान
