नैनीताल। नैनीताल जिले के गेठिया में स्थित पायलट बाबा ट्रस्ट और उनकी चल-अचल संपत्ति को कूटरचित दस्तावेज बनाकर उसे हड़पने के मामले में दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने हरिद्वार एसएसपी को जो मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था, उस पर तीन हफ्ते के भीतर जांच पूरी करने को कहा है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि अगर उन्हें जानमाल का खतरा है तो उसके लिए भी वे प्रार्थनापत्र एसएसपी को दे सकते हैं।
दरअसल, ब्रह्मलीन हो चुके पायलट बाबा के शिष्य स्वामी ब्रह्मानंद ने तल्लीताल थाने में एक प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि पायलट बाबा ट्रस्ट और उनकी चल अचल संपत्ति को हड़पने के लिए उनके कुछ सहयोगियों ने कूटरचित दस्तावेज बना लिए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा की वसीयत में भी हेरा फेरी तक कर दी गई है। बाबा का निधन भी रहस्यमयी कारणों से हुआ है। बीमारी के दौरान उन्हें सही तरीके से स्वास्थ्य सुविधा तक नहीं मुहैया कराई गई।
स्वामी ब्रह्मानंद का आरोप था कि अस्पताल की अनुमति के बिना पायलट बाबा को डिस्चार्ज करा लिया गया। जब इसकी जांच कराने के लिए उन्होंने हरिद्वार एसएसपी को शिकायत की तो अभी तक उस पर जांच पूरी नहीं हुई। जबकि, नियमावली के तहत शिकायत करने के 15 दिनों के भीतर ही प्रारंभिक जांच हो जानी चाहिए थी। अब उन्हें भी जानमाल की धमकी दी जा रही है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से प्रार्थना की है कि मामले की जांच जल्द से जल्द कराई जाए और उन्हें सुरक्षा भी दिलाई जाए।