हरिद्वार। कार्तिक मास मेें कनखल राजघाट स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में हरि प्रसाद भण्डारे (खट्टे) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर लोक कल्याण की कामना के साथ प्रसाद का वितरण किया गया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कार्तिक मास में भगवान हरि व तुलसी माता की महिमा को बताते हुए कहा कि कार्तिक मास में हरि और तुलसी पूजन से बड़ा दूसरा भवसागर से पार पाने का कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहाकि भगवान नारायण ही समस्त जगत के पालनहार हैं। देवोत्थान एकादशी पर भगवान हरि के योग निद्रा से जागृत होते ही सृष्टि की सत्ता का भार पुनः नारायण के हाथों आ जाएगा। उन्होंने कहाकि कार्तिक मास में भगवान हरि के साथ तुलसी विवाह करना अनन्त पुण्य फलदायी होता है। उन्होंने कहाकि कार्तिक मास में तारों की छांव में गंगा स्नान का महत्व है, जो व्यक्ति पूरे कार्तिक मास गंगा स्नान नहीं कर सकता वह कार्तिक मास की एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिन स्नान करे तो उसे पूरे मास स्नान का फल मिलता है, साथ ही उसके पापों का क्षय हो जाता है।
हरि प्रसाद के आयोजन में संतों के अतिरिक्त कनखलवासी शामिल हुए। इस अवसर पर बड़ा अखाड़ा उदासीन के कारोबारी महंत गोविंद दास, नए अखाड़े के कारोबारी तीरथ दास, गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, समाजसेवी अखिलेश शिवपुरी, रामलीला कनखल के अध्यक्ष शैलेंद्र त्रिपाठी, प्रशांत शर्मा, पं. त्रिलोक जोशी व धर्म प्रेमी जनता मौजूद रही।


