प्रयागराज। बाघंबरी मठ के श्री महंत ब्रह्मलीन स्वामी नरेंद्र गिरी महाराज की मौत का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आने को फड़फड़ा रहा है। मौत का जिन्न खुद बाहर आने को नहीं बल्कि कुछ कथित भगवाधारियों द्वारा बोतल से बाहर निकाल कर सत्य को सबके सामने लाने का कथित प्रयास है। यदि ऐसा होता है तो नरेंद्र गिरी नरेंद्र गिरी की मौत का सच सबके सामने आ सकता है।
बता दें कि एक पत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। पत्र एक बड़े राजनेता के नाम संबोधित करके एक अधिकारी द्वारा भेजा गया है, जिसमें नरेंद्र गिरी की मौत के मामले का जिक्र किया गया है। पत्र सत्य को परिभाषित करें ना करें किंतु इतना तय है कि पत्र के माध्यम से एक संत को ब्लैकमेल करने का प्रयास अवश्य है।
पत्र में एक अखाड़े के महंत के अखाड़े से संबंधित दो चेली वाले चेलों का जिक्र भी किया गया है, जिसमें मौत मामले से बचाने के लिए मदद करने की बात कही गई है। हालांकि पत्र की प्रमाणिकता संदेह के घेरे में है, किंतु यदि पत्र चर्चा में है तो दाल में कुछ ना कुछ काला अवश्य ही होगा।
जिन चेलों का पत्र में जिक्र किया गया है या तो उनके माध्यम से महंत को ब्लैकमेल करने की कोशिका का प्रयास है या चेले मौत के संबंध में कुछ ना कुछ सूत्र अवश्य जानते हैं। पत्र के मजमून को देखकर पता चलता है कि नरेंद्र गिरी मौत मामले में बड़ा सच अभी भी छुपाया जा रहा है और उसे सच को छिपाने के लिए ब्लैकमेल करने की प्रक्रिया के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। पत्र की प्रमाणिकता संदेह के घेरे में है। वहीं यह भी सत्य है की सत्य को उद्भाषित करने से अधिक ब्लैकमेल करने की मंशा अधिक है। पत्र में बात न मानने पर कोर्ट जाने की भी धमकी दी गई है।