जब लोग शक्ति स्वरूपा कन्याओं का पूजन कर रहे थे, उस समय एक ऐसी भी सौतेली मां थी, जिसने मासूम बच्ची को मौत के घाट उतारकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। नवरात्र की नवमी को आठ वर्षीय मासूम बेटी की निर्मम हत्या कर उसका शव एक निर्माणाधीन मकान के मलबे में दबा दिया। खोजबीन के दौरान पुलिस ने शव बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपित महिला के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। पूछताछ में महिला ने हत्या की बात कबूल की है। बच्ची की हत्या गला घोंटकर की गई।
काशीपुर आईटीआई थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवीन सिंह कोश्यारी ने बताया कि खड़कपुर देवीपुरा निवासी मोनू प्रजापति बिजली फिटिंग का काम करता है। पांच वर्ष पूर्व मोनू की पत्नी रीना देवी की मौत हो गई थी। उसके दो पुत्रियां सोनी व तनु हैं। तनु अपनी बुआ के घर रहती है। चार वर्ष पूर्व मोनू ने ग्राम फजलपुर, थाना डिलारी मुरादाबाद निवासी लक्ष्मी देवी से दूसरा विवाह कर लिया। उसके एक पुत्र और एक पुत्री है। लक्ष्मी अपनी सौतेली पुत्री सोनी के साथ अक्सर मारपीट करती थी। 16 अप्रैल को मोनू अपने ममेरे भाई की लगन सगाई में बिजनौर के ग्राम गल्लाखेड़ी गया था। 17 अप्रैल को सोनी को कन्या पूजन के लिए तैयार कर उसकी दादी संतोष देवी भी चली गईं।
उसी दिन शाम के समय लक्ष्मी ने अपने पति को फोन कर सोनी के लापता होने की सूचना दी। मोनू ने घर पहुंचकर बेटी की तलाश की और पुलिस को बच्ची के गायब होने की सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची की तलाश शुरू की।
जांच में जुटी पुलिस ने अगले दिन बच्ची के घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज चेक किए। एक फुटेज में लक्ष्मी अपनी सौतेली बेटी सोनी को बैग में दबाकर समीप ही निर्माणाधीन मकान में जाती दिखाई दी। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो लक्ष्मी ने हत्या की बात कबूल कर ली।
पुलिस ने लक्ष्मी की निशानदेही पर मकान के भरान में डाली गई रेत की खुदाई कर सोनी का शव बरामद कर लिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव उसके पिता को सौंप दिया है। पुलिस ने महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसका चालान कर दिया है।