हरिद्वार। उपनगरी ज्वालापुर के आर्यनगर स्थित चंदन वाले पीर की मजार को तोड़े जाने का मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है। कोई मजार को तोड़े जाने का विरोध कर रहा है तो कोई इसे सही कदम बता रहा है। सभी के अपने-अपने तर्क हैं। मजार तोड़े जाने के बाद उसे मजार के स्थान पर समाधि कहने का मामला भी तूल पकड़ चुका है। ज्वालापुर से कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने समाधि और मजार प्रकरण को गलत तरीके से तूल देने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।
विधायक रवि बहादुर ने सवाल उठाने वाले संतों से पूछा है कि क्या मजार और समाधि का सम्बंध सूफी संतों से नहीं है। विधायक ने कहा कि हमारे लिए सभी धर्मो के महापुरुष सम्माननीय हैं। हमने अपनी समानता की भावना के अनुरूप मजार और समाधि को एक रूप में संबोधित किया।
विधायक ने संतांे पर सरकार के इशारे पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए नसीहत भी दी कि उन्हें अगर कोई मुद्दा ही उठाना है तो दिल्ली में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के उत्पीड़न के खिलाफ धरना दे रहे देश की बेटियों के आंदोलन को समर्थन दें।
गौरतलब है कि निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्रपुरी व अवधूत मंडल आश्रम के महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश समेत कई संतों ने ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर पर मजार को समाधि बताने का आरोप लगाते माफी मांगने की मांग की थी।
इस मामले में मीडिया को जारी बयान में ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बयान ही नहीं दिया है। ऐसे में माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है। विधायक रवि बहादुर ने कबीर दास का उदाहरण देते हुए कहा कि उनको हर धर्म समुदाय के लोग सम्मान देते हैं।