तनाव या डिप्रेशन एक प्रकार का मानसिक विकार है। किसी भी एक नकारात्मक विचार के दिमाग पर हावी हो जाने के बाद हमारी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। हमारा मस्तिष्क सही से कार्य करने और किसी भी खुशी के मौके प्रसन्न होने में असक्षम हो जाता है। यह तनाव की स्थिति कही जा सकती है।
नित्य दो सेब का सेवन करें । सेब का सेवन भोजन करने से पहले करना चाहिए।
आंवला का सेवन करने से, मानसिक उत्तेजनाओं पर नियंत्रण होता है।
आधा कप लौकी का रस, दो चम्मच शहद मिलाकर, सोते समय सेवन करने से व लौकी का तैल बनाकर सिर पर, मालिस करने से, तनाव कम हो जाता है।
मानसिक तनाव व उदासी के समय, मक्का के दाने निकले, भूट्टे की छूछ को सूखाकर व जलाकर भस्म बना लें। इस भस्म की चौथाई चम्मच, एक चम्मच शहद में मिलाकर, नित्य सुबह-शाम सेवन करें।
मासिक धर्म से पहले स्त्रियों में चिड़चिडापन होने के कारण, कैल्शियम की कमी का होना होता है। इससे बचने के लिए, नित्य पूरे दिन में चार गिलास दूध का सेवन करना चाहिए। मानसिक विकार, क्रोध और चिड़चिडापन दूर हो जाते है।
मानसिक रोगः-
मनोरोग मस्तिष्क में, रासायनिक असंतुलन की वजह से पैदा होते हैं तथा इनके उपचार के लिए, मनोरोग चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
मानसिक रोगों में सेब का रस या मुरब्बे का सेवन करना लाभदायक है।
मानसिक रोग (तनाव, स्मरणशक्ति का कम होना और अवसाद) में केले का सेवन करना चाहिए। केले में पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है, जो मस्तिष्क को सतर्क रखने में सहायक होती है। विद्यार्थीयों को पाठ याद रखने में भी सहायता करती है।
तनाव की स्थिति में मेटाबॉलिक रेंट (चयापचय) की गति अधिक होती है। इस कारण से रक्त में पोटेशियम की मात्रा कम हो जाती है। पोटेशियम ह्रदय घात को भी नियंत्रण में रखता है। आक्सीजन को मस्तिष्क तक पहुंचाता है तथा शरीर में पानी के स्तर का नियमन करता है। केले के सेवन से पोटेशियम मात्रा की पूर्ति होती है और तनाव की स्थिति से मुक्ति मिलती है।
Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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