उत्तराखंड में खनन माफियाओं का बोलबाला, अधिकारी मौनः स्वामी शिवानंद

अवैध खनन को लेकर मातृ सदन संवैधानिक फोरम पर जाने को बाध्य


हरिद्वार।
गंगा में अवैध खनन को लेकर मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जिला प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर सभी अवैध ढंग से संचालित स्टोन क्रेशर को बंद करने का अल्टिमेटम दिया है। ऐसा नहीं होने पर मातृ सदन इन सभी को पार्टी बनाकर उचित संवैधानिक फोरम पर जाने के लिए बाध्य होगी।


मातृ सदन आश्रम, जगजीतपुर कनखल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद महाराज ने जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हरिद्वार में गंगा के भीतर और गंगातट के किनारे खनन की विभीषिका लंबे समय से रही है। लेकिन डीएम विनय शंकर पांडे की विदाई के बाद विभीषिका ऐसी हो गई है कि सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए हैं। खनन प्रभावित क्षेत्रों में रात में सैकड़ो जेसीबी अवैध ढंग से खनन कर रहे हैं। जिसकी सूचना जिला खनन अधिकारी को दी जाती है, लेकिन खनन अधिकारी कार्रवाई करने में असमर्थता जताते हैं। ऐसा केवल उत्तराखंड में ही संभव है। क्योंकि खनन माफियाओं को सीएम पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी अशोक कुमार के संरक्षण प्राप्त है और खुलेआम माफियाओं को अवैध खनन की छूट मिली हुई है। लेकिन इस प्रकार की छूट को मातृ सदन कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।


गुरूवार को उन्होंने पत्र द्वारा जिला अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को इस संबंध में पूरी जानकारी दे दी है। वीडियो प्रमाण और व्हाट्सएप चैट भी उपलब्ध करवा दिए हैं। पत्र की कॉपी राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट, राज्यपाल उत्तराखंड शासन, मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार, महानिदेशक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, सचिव वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सिया के मेंबर सेक्रेटरी को उपलब्ध करवा दी है।


कहाकि हरिद्वार में इस वक्त जितने भी स्टोन क्रेशर हैं, सभी अवैध हैं, लेकिन हमने कुछ स्टोन क्रशरों को तत्काल रूप से बंद करने हेतु अनेक बार शिकायत की है। जिसे लेकर वाद भी उच्च न्यायालय में लंबित है। लेकिन उसके बावजूद डीएम एसपी इस बात का जवाब नहीं दे रहे हैं कि स्टोन क्रेशर किस प्रकार अवैध ढंग से संचालित हो रहे हैं। इसलिए अब मातृ सदन उन्हें केवल एक सप्ताह का समय देती है कि वे तत्काल इस गंभीर मामले में कार्यवाही सुनिश्चित करें और सभी अवैध ढंग से संचालित हो रहे स्टोन क्रेशरों को बंद करवाएं।

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