मातृ सदन आश्रम में अज्ञात व्यक्ति की मौजूदगी गंभीर खतरे का संकेतः स्वामी शिवानंद

स्वामी शिवानंद ने पुलिस को पत्र भेजकर की, कार्रवाई की मांग


हरिद्वार।
मातृ सदन आश्रम, जगजीतपुर, कनखल में अज्ञात व्यक्ति की मौजूदगी को लेकर मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने किसी बड़े षड़यंत्र की आशंका जताई है। उन्होंने आरोपी को पुलिस के हवाले सौंपकर एवं प्रार्थना पत्र देकर उचित कार्रवाई की मांग की है।

मातृ सदन आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि 11 अगस्त की रात्रि को करीब 10 बजे आश्रम में अज्ञात व्यक्ति की मौजूदगी से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। खनन माफियाओं की शह पर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की नीयत से आश्रम में घुसा था। बार-बार पूछने पर भी शातिर अपराधियों की तरह गोलमोल जवाब देता रहा। बाद में पुलिस के सुपुर्द किया गया है। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त की रात ही ब्रह्मचारी दयानंद व ब्रह्मचारी सुधानंद किसी अन्य आवश्यक काम से आश्रम से बाहर थे, जिससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि उनके जाते ही यह व्यक्ति आश्रम के अंदर प्रवेश कर गया। वह उस कमरे के अंदर किसी गंभीर वारदात को अंजाम देने की नियत से छुप कर सही मौके का इंतजार कर रहा था। लेकिन आश्रम के रसोईया और एक संत ने देख लिया। बाद में आरोपी को जगजीतपुर पुलिस के हवाले कर दिया है।

कहाकि मातृ सदन स्टोन क्रशर, खनन माफियाओं और सीबीआई इत्यादि के विरुद्ध निरंतर संघर्ष कर रही है। यहां के माफिया उच्चाधिकारियों के साथ मिलकर बार-बार षड्यंत्र कर रहे हैं जिसका हमारे पास प्रमाण है। यही कारण है कि अनेक बार शिकायती पत्र देने पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है, इसलिए इस वारदात का संज्ञान लेते हुए जिन-जिन व्यक्तियों ने यह रिपोर्ट दिया है कि मातृ सदन की सुरक्षा चारों तरफ से ठीक है उन-उन व्यक्तियों के विरुद्ध भी शिकायत दर्ज कर तत्काल कार्यवाही की जाए।


बताया कि इससे पूर्व भी 6 अगस्त को एक अन्य शिकायत, जो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को भेजी गई थी। उन्होंने कहाह िइस पत्र को शिकायती प्रार्थना पत्र के तौर पर लेते हुए तत्काल इस शिकायत को दर्ज करें और संदिग्ध व्यक्ति, जिसे पुलिस को रात में सुपुर्द कर दिया गया है, के खिलाफ उचित धाराओं में कानूनी कार्यवाही की जाए।
पत्रकार वार्ता के दौरान ब्रह्मचारी सुधानंद, ब्रह्मचारी दयानंद, ब्रह्मचारी ऋषिकेशानंद, ब्रह्मचारी यजनानंद सहित अन्य मौजूद रहे।

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