कमल भदौरिया ने निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के खिलाफ बयानबाजी करने पर कानूनी नोटिस भेजकर उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए नोटिस मिलने के 48 घंटे के अंदर खण्डन करने की बात कही है। नोटिस में कहा गया कि 19 फरवरी को मेरे व्यवहारी के निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के सम्भल स्थित कल्कि पीठ में विशिष्ट अतिथियांे मे आमंत्रित किया गया था।
उक्त समारोह में कई संतो के साथ-साथ आदित्यनाथ योगी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री भारत सरकार व आचार्य महामण्डलेश्वर अवधेशानन्द महाराज जूना अखाडा आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे, परन्तु आपके द्वारा 19 फरवरी को एक समाचार में आपने बयान में सन 1997 में दर्ज मुकदमे में अपहरण जैसे गम्भीर अपराध में निरंजनी पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरि को आरोपित बताते हुए उनके घर की कुर्की होने वे 26 वर्षों से लगातार फरार होना बताया है। जो की सरासर गलत है। मेरे व्यवहारी स्वामी कैलाशानंद गिरि का उक्त मुकदमे से कोई सरोकार नहीं है। बयान देकर मेरे व्यवहारी की भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुँंचायी है।
कानूनी नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे के अंदर आप के द्वारा उक्त बयान की बाबत खण्डन किया जाना सुनिश्चित करंे और साथ ही क्षमा याचना करे।


