जानिए, मूली खाने के फायदे / लाभ

  1. मूली में विटामिन ‘बी’ और ‘सी’ होते हैं, जो पेट के लिये बहुत लाभप्रद हैं ।
  2. पीलिया रोग के लिए मूली अमृत के समान है।
  3. मूली के पत्ते भी बहुत गुणकारी होते हैं । पत्तों के बिना मूली देर से पचती है ।इसलिए मूली के साथ पत्ते अवश्य खाने चाहिए।
  4. मूली का भोजन में विशेष उपयोग होता है । इसका अचार, मुरब्बा, सलाद,साग और चटपटे व्यंजनों के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
  5. विटामिन ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ की कमी के कारण हमारे शरीर में ब्रांको निमोनिया, यक्ष्मा, मूत्राश्मि, रतौंधी, बेरी-बेरी, मस्तिष्क वात, तन्तुओं का शोथ, हृदय दौर्बल्य, स्कर्वी रोग, अग्निमांद्य, रक्ताल्पता और श्वासादि रोग उत्पन्न हो जाते हैं। मूली के पत्ते इन रोगों को नष्ट करने में सहायक होते हैं, क्योंकि इनमें मूली से अधिक विटामिन ‘सी’ की अपेक्षा ‘ए’ और ‘बी’ प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं ।
  6. एक औस भोज्य पदार्थ में इनके अन्दर 1.19 ग्राम प्रोटीन, 0.17 ग्राम वसा, 1.78 ग्राम कार्बोज और 13 ग्राम कैलोरीज पाई जाती है ।
  7. मूली, गाजर, प्याज को समान मात्रा में मिलाकर सलाद के रुप में दोनों समय भोजन के साथ अच्छी तरह चबा-चबा कर खाएं। शारीरिक दुर्बलता दूर होती है। शरीर में ताकत आती है। शरीर सुडौल व गठीला बनता है।
  8. मूली के सेवन से कब्ज, पीलिया, खुजली, मधुमेह, आंत संबंधी बीमारियां, अम्लता, गुर्दे की खराबी जैसी व्याधियां दूर होती हैं।
  9. मूली खाने से दांत मजबूत होते हैं। उसके पत्ते विशेष रूप से लाभदायक हैं। अगर पत्तों को धीरे-धीरे चबा कर खाया जाए, तो बदहजमी दूर होती है। वहीं काले नमक के साथ खाने से खट्टी डकारें दूर होती हैं।
  10. मूली पथरी के रोग में विशेष उपयोगी है। उसके ताजे पत्तों का रस पीने से पथरी गलने लगती है। मूली के बीज चार चम्मच (छोटा) दो कप पानी में डालकर उबालें। जब आधा कप पानी शेष बचे, तब उतार कर छान लें और ठंडा कर सुबह या शाम दिन में एक बार पीएं। कुछ दिनों तक यह प्रयोग करने से पथरी गलकर मूत्र मार्ग से बाहर हो जाती है। पेट दर्द होने पर एक कप मूली के रस में नमक, काली मिर्च डालकर पीने से कुछ ही देर में आराम मिलता है।
  11. अगर आपको कब्ज की शिकायत बनी रहती है, तो मूली का सेवन नियमित रूप से करें। कब्ज दूर होगा।
  12. अगर आपको बवासीर है, तो यह प्रयोग कर सकते हैं। आधा गिलास मूली के रस में दो बड़े चम्मच अदरक व नींबू का रस मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से बवासीर से शीघ्र मुक्ति मिलती है। उस दौरान अधिक मिर्च-मसाले व चिकनाई युक्त भोजन का परित्याग करें।
  13. मूली का सेवन जाड़े में सुबह धूप के समय करें। उससे विशेष लाभ होता है। जाली वाली, अधिक तेज मूली न खाएं। कोशिश करें कि मूली को अकेला न खाएं। और न ही अधिक मात्रा में उसका सेवन करें। सेवन के उपरांत थोड़ा-सा गुड़ अवश्य खाएं।
  14. अगर आपको पेशाब में जलन की शिकायत है, तो मिश्री व मूली को साथ-साथ चबाएं। पेशाब खुलकर आएगा।
  15. अगर पेट में कीड़े हैं, तो मूली को उबालकर उसमें सेंधा नमक डालें। छानकर सुबह पी लें। कीड़े नष्ट होकर निकल जाएंगे।
  16. अगर सिर में जुएं हों, तो मूली के रस में नींबू का रस निचोड़ कर सिर में लगाएं, जुएं नष्ट हो जाएंगे।
  17. मूली के पत्तों का गाजर के साथ सेवन करने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
  18. पीलिया रोग होने पर ताजी मूली तथा उसके पत्तों का अधिक मात्रा में सेवन करें।

मूली से रोगों का उपचार :

  1. पथरी में मूली के फायदे
    मूली के बीजों का 1 1/2-1 1/2 माशा चूर्ण प्रतिदिन सवेरे-शाम जल के । साथ लेने से पथरी में लाभ होता है । पेशाब करते समय जलन और पीड़ा मिटाने के लिए इसके स्वरस को प्रयोग करना चाहिए ।मूली के साथ नमक और काली मिर्च सेवन करने से अमाशय की पीड़ा में लाभ होता है । इसके पत्तों का रस 4 तोला और अजमोढ़ 3 माशा दिन में दो बार सेवन करने से कुछ दिनों में पथरी गल जाती है।
  2. हिचकी में मूली के फायदे
    सूखी मूली के टुकड़ों को पानी में उबालकर काढ़ा पीने से हिचकी और श्वास रोग में लाभ होता है।
    इसके बीजों को गर्म पानी के साथ लेने से गला साफ होता है।
  3. बिच्छू दंश में मूली के फायदे
    मूली के टुकड़े में नमक मिलाकर बिच्छू के दंश पर लगाने से पीड़ा शान्त होती है । कई लोगों का मत है कि हमेशा मूली सेवन करने वाले को बिच्छू का | विष नहीं चढ़ता ।
  4. बवासीर में मूली के फायदे इसके पत्तों का रस पेट की पीड़ा, अफारा और अर्श (बवासीर) में लाभ करता है । मूली के 2 तोला रस में 5 तोला गाय का घी मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है ।
  • मूली के कन्द को नित्य खाते रहने से बबासीर शान्त रहती है ।
  • मूली के पत्तों का स्वरस ढाई तोला तक नित्य पीने से अर्श (बबासीर) की पीड़ा शान्त रहती है।
  • मूली के पत्तों का महीन चूर्ण तक्र के साथ सेवन करने से अर्श (बबासीर) के सभी कष्ट अति शीघ्र मिट जाते हैं ।
  1. कंठमाला में मूली के फायदे बकरी के दूध में इसके बीजों को पीसकर लेप करने से कंठमाला में लाभ होता है।

6- कान दर्द में मूली के फायदे
मूली के 3 तोला रस में 1 तोला तिल्ली का तेल सिद्ध करके कान में डालने से कान की पीड़ा शान्त होती है ।

  1. दाद में मूली के फायदे
    मूली के बीजों को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद में लाभ होता है ।
  2. मूत्रकष्ट में मूली के फायदे इसके बीजों का चूर्ण 3 माशा जल के साथ लेने से मूत्र कष्ट में लाभ होता है ।
  • मूली बीजों का चूर्ण 3 माशा फटे हुए दूध के जल से सुबह शाम सेवन करने से मूत्रकृच्छ रोग मिट जाता है।

9- सूजाक में मूली के फायदे
इसके बीजों को अपामार्ग की क्षार के साथ पानी में पीसकर लेप करने से श्वेत कुष्ठ में लाभ होता है । मूली के बीजों का चूर्ण 6 माशा जल के साथ देने से

10- मोटापा में मूली के फायदे
दो बड़े चम्मच मूली के रस में शहद मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं। ऐसा करने से 1 माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।

11- मूत्राशय की पथरी में मूली के फायदे
आंवले का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है।

12- पेट के रोग में मूली के फायदे
मूली की चटनी, अचार, सब्जी या मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर खाने से पेट के सभी रोग दूर । होते है।

13-कान दर्द में मूली के फायदे
एक मूली के बारीक टुकड़े करके उसे सरसों के तेल में पकाएं। फिर इसे छानकर शीशी में भर लें। कान दर्द में इसकी 2-4 बूंदे दिन में 3-4 बार टपकाने से जल्दी ही आराम मिलता है।

  1. पीलिया(कामला/पांडु) में मूली के फायदे
    मूली के स्वरस में शक्कर मिलाकर पिलाने से कामला रोग शर्तिया ठीक हो जाता है । इसका सेवन 15 दिनों से 1 माह तक (रोगमुक्त होने तक) करना चाहिए । अन्य किसी औषधि की आवश्यकता नहीं पड़ती है ।
    मात्रा–बच्चों को 6 माशा से 1 तोला तक और बड़ों को ढाई तोला से 5 तोला तक सुबह-शाम सेवन करायें ।

15-स्त्री रोग में मूली के फायदे
मूली के बीजों का चूर्ण 3 माशा सुबह-शाम ताजा जल से सेवन करने से मासिक धर्म (माहवारी) खुलकर होने लगता है ।

मूली खाने के नुकसान

  1. मूली के अधिक मात्रा में सेवन करने से भूख में कमी हो सकती है साथ ही यह मुँह, गले में दर्द और सूजन को भी जन्म दे सकता है ।
  2. भूलकरभी मूली के साथ मछली का सेवन न करें यह विरुद्ध आहार है ।
  3. मूली खाने के पहले या तुरंत बाद दूध का सेवन आरोग्य शास्त्रों में निषिद्ध है ।
    Dr. (Vaidhya) Deepak Kumar
    Adarsh Ayurvedic Pharmacy
    Kankhal Hardwar
    Website: – https://adarshayurvedicpharmacy.in/
    Facebook – Https://www.Facebook.Com/adarshpharmacy/
    Instagram – https://www.instagram.com/adarshayurvedicpharmacy/
    Twitter – Https://twitter.Com/adarshpharmacy
    Youtube – https://www.youtube.com/@AdarshAyurvedic
    Email:- aapdeepak.hdr@gmail.com
    Contact: – 9897902760

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *