धामी को कमजोर करने की पक्ष-विपक्ष की जुगलबंदी

हरिद्वार। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। बावजूद इसके पक्ष व विपक्ष मिलकर उनको कमजोर करने के लिए नयी-नयी रणनीति बनाकर जहां भाजपा को कमजोर करने को कोशिश कर रहा है। वहीं प्रदेश के विकास को अवरूद्ध करने का भी कार्य किया जा रहा है।


विदित हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है। इसके पीछे क्या आधार है और पक्ष-विपक्ष की क्या मंशा है, इसको स्पष्ट रूप से तो नहीं कहा जा सकता, किन्तु इतना तय है कि यह सब रणनीति प्रदेश के विकास को अवरूद्ध करने, सनातन को कमजोर करने और भाजपा को बैकफुट पर लाने की कोशिश मात्र हैं।


विदित हो कि जब से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की कमान संभाली है, तभी से उनके अपने और विपक्ष उन्हें लगातार कमजोर करने की कांेशिश में लगा हुआ है। जबकि ऐसे नेताओं को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए की चुनाव हारने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धामी पर भरोसा जताया और उनके हाथों में सत्ता की बागडोर सौंपी।


इसके बाद से ही कुछ लोगों के अरमान धराशायी हो गए और विपक्ष के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिशें रचने का दौर शुरू हो गया। सत्ता की बागडोर संभालने के बाद से सीएम धामी ने जो सबसे बड़ा कार्य किया वह है प्रदेश में यूसीसी लागू करना। ऐसा करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना। लैंड जिहाद पर सीएम धामी ने कड़ा प्रहार किया। आपदा के समय त्वरित गति से लोगों को राहत पहुंचाने में वह संजीदा दिखायी दिए। प्रदेश में नौकरियों के नए अवसर तलाश कर युवाओं को रोजगार दिया। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

कोई ऐसा क्षेत्र शेष नहीं रहा जहां सीएम धामी ने कार्य न किया हो। यही कारण है कि भीषण आपदा के बाद भी प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है। बावजूद इसके कुछ ऐसे तत्व हैं, जिनको प्रदेश का विकास और धामी की कड़क कार्यशैली बर्दाश्त नहीं हो रही। या स्पष्ट तौर पर कहा जाए की सत्ता में रहने के बाद भी मलाई चाटने का उन्हें खुलकर मौका नहीं मिल पा रहा है।

ऐसा यदा-कदा कुछ नेंताओं के बयानों से स्पष्ट भी हो जाता है। यही कारण है कि वह सीएम धामी को षडयंत्र कर कमजोर करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सीएम धामी पर विश्वास है, उसको देखते हुए अपनों और विपक्ष के मंसूबे पूरे होने वाले नहीं हैं।

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