हर्निया से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलु उपाय

आम तौर पर हर्निया होने का कारण पेट की दीवार का कमजोर होना है। पेट और जांघों के बीच वाले हिस्से में जहां पेट की दीवार कमजोर पड़ जाती है वहां आंत का एक गुच्छा उसमें छेद बना कर बाहर निकल आता है। उस स्थान पर दर्द होने लगता है। इसी को आंत्र उतरना, आंत्रवृद्धि या हर्निया कहते हैं।

हर्निया होने के कारण हैं…किसी प्रकार की चोट, अधिक आयु हो जाने की वजह से, जठराग्नि मंद होने पर, अनुवांशिकता ,पुरानी खांसी, कब्ज, मोटापा।

कुछ घरेलू उपाय
1:- इस रोग में मल के रुकने की विकृति ज्यादा होती है। इसलिए कब्ज को खत्म करने के लिए त्रिफला का पाउडर 5 ग्राम रात में हल्के गर्म दूध के साथ लेना चाहिए।

2:- अगर रोगी का वजन बढ़ा हुआ हैं, तो सब से पहले उसको अपना वजन नियंत्रित करना चाहिए।

3:- खाना खाने के तुरंत बाद रोगी को सोना नहीं चाहिए, थोड़ी वाकिंग जरूर करंे।

4:- अलसी एक सुपर फूड हैं, गर्मियों में 1 चम्मच अलसी के बीज कच्चे या भूने हुए और सर्दियों में 3 चम्मच खाए। इसमें मौजूद ओमेगा-3 हायटल हर्निया के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

5:- सुबह दोपहर और शाम आधा- आधा चम्मच कच्चा जीरा चबा चबाकर खाए, और ऊपर से गुनगुना पानी पी लें।

6:- एक कप दूध में 2 चम्मच अरण्ड का तेल डालकर एक महीने तक पिलाये,इस से हर्निया में फायदा होता हैं।

7:- मेग्नेट का बेल्ट बांधने से हार्निया में लाभ होता है।

8:- सूर्य नमस्कार और साथ ही कपाल-भांति करने से फूली हुई आंत वापस ऊपर अपने स्थान पर चली जाती है।

9:- पीठ के बल समतल स्थान पर लेट जाएं। हाथों को हर्निया वाली जगह पर रखें। उसके बाद दोनों पैरों को जमीन से लगभग दो फीट ऊपर उठाएं। जब हम अपने दाहिने पैर को ऊपर उठाएंगे तो बायां पैर नीचे होना चाहिए और जब बायां पैर उठाएंगे तो दायां पैर नीचे होना चाहिए। इस प्रक्रिया को कम से कम दस बार दोहराएं। इस प्रक्रिया को करने के बाद पैरों को नीचे रखकर आराम करें।

10:- हरड़, मुलहठी, सोंठ 1-1 ग्राम पाउडर रात को पानी के साथ खाने से लाभ होता है।

धूम्रापान, शराब का सेवन, मीट मांस, ये सब बंद कर दीजिये। चाय कॉफी का सेवन बंद कर दीजिये। कभी भी पेट भर कर या भूख से ज्यादा भोजन ना करें।

Dr. (Vaidhya) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar
Contact:9897902760

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