तानाशाह बनकर कुछ संत बदल रहे धर्म की व्याख्या: गिरि

हरिद्वार। श्री पंच शंभू दशनाम आवाह्न अखाड़े के श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि कुछ साधु तानाशाह बनकर समाज में तानाशाही फैला रहे हैं और धर्म की व्याख्या को ही बदलना चाहते हैं। चंद साधु भेषधारी सनातन धर्म को अपनी बपौती समझ कर वह सब कर रहे हैं, जो कांग्रेस पार्टी आज तक करती आई है।


गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि कांग्रेस ने संविधान में संशोधन कर मुस्लिमों को फायदा पहुचाया और हिन्दूओं को कमजोर करने का कार्य किया। ठीक उसी प्रकार साधु समाज में वेद, पुराण, शास्त्रों में वर्जित कार्य को साधु समाज में सम्मलित कर रहे हैं। चंद नामदार आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा जिन कार्यों को वर्जित बताया गया है वही कार्य कर रहे हैं।

इतना ही नहीं ऐसा कर वह स्वंय को महा ज्ञानी समझने लगे हैं। जबकि उन्हें एल केजी का भी ज्ञान नहीं है। किन्तु आम भोली भाली जनता उन एलकेजी जितना ज्ञान रखने वाले संतों को एमबीबीएस डाक्टर जैसा पढ़ा-लिखा समझने की भूल कर रहे हैं।


श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि लगता है कि अब संन्यासी अखाड़े पतन की ओर बढ़ चले हैं। जिस प्रकार से आलू की एक बोरी में एक आलू खराब हो और उसे नहीं निकाला जाये तो बोरी भरा आलू चन्द दिनों में खराब हो जाता है। यदि एक दो उसमें अच्छे भी रहे तो वह भी फेंक दिये जाते हैं। इसलिए संतों को तानाशाही छोड़ते हुए सनातन की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए।

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