पीपल के प्रेत को छेड़ा है, अब अंजाम तो भुगतना पड़ेगा

हरिद्वार। बाबाओं की चल रही आपसी अघोषित जंग में माफी की गुहार लगाने गए दूतों को दो टूक जवाब सुनकर उल्टे पांव लौटना पड़ा। जिसके बाद से अब अघोषित जंग के और अधिक बढ़ने के आसार उत्पन्न हो गए हैं।


वैसे तो संतों की लीला न्यारी बतायी गई है, किन्तु तीर्थनगरी के कुछ कथित बाबाओं की लीला बड़ी ही विचित्र है। सर्वगुण सम्पन्न होने के साथ ये पैतरेबाजी में भी माहिर हैं। विगत दिनों एक महाराज ने एक बाबा के खिलाफ उकसाने वाली कार्यवाही की, जिसका महाराज ने पलटवार किया। सूत्र बताते हैं कि पलटवार से बाबा घबरा गया और उन्होंने महाराज को शांत रहने के लिए अपने दूतों को मध्यस्थ बनाकर एक अन्य संत के पास भेजा। जहां दूतों ने संत से महाराज को शांत रहने के लिए मनाने की बात कही।


सूत्र बताते हैं कि दूतों के कहने पर मध्यस्थ ने महाराज ने वार्ता की। जिस पर महाराज आग बबूला हो गए। महाराज ने मध्यस्थ को दूतों के लिए दो टूक शब्द कहे कि उनके बाबा ने अब पीपल के प्रेत को छेड़ दिया है, अब इसका अंजाम तो भुगतना ही पड़ेगा। हालाकि दूतों ने बाबा द्वारा उठाए गए कदम के लिए माफी मांगी, किन्तु महाराज टस से मस नहीं हुए और उन्होंने बाबा के खिलाफ मोर्चा खुला रखने की बात कही। इस घटनाक्रम को देखते हुए बाबा और महाराज के बीच जंग अभी थमने वाली नहीं है।

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