कूड़े के ढेर में नवजात के मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। गनीमत रही आसपास के लोगों की नजर नवजात पर पड़ गई और मासूम की सांसे थमने से पहले उसको बचा लिया गया। फिलहाल चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है। जांच में पता चला कि दो दिन के नवजात को उसका सगा पिता ही कूड़े के ढेर में फेंक गया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। मामला उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के रायपुर क्षेत्र का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 जनवरी को थाना रायपुर को सूचना मिली कि महाराणा प्रताप चौक से मालदेवता की ओर रखे कचरे की डिब्बे के पास झाडियों में एक नवजात बैग के अन्दर पडा है। सूचना पर रायपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात को इलाज के लिए रायपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां से डॉक्टरों ने नवजात को दून अस्पताल रेफर कर दिया। नवजात शिशु के बारे पुलिस के प्रयास करने पर जानकारी मिली की नवजात शिशु का जन्म से होंठ कटा हुआ था, जिसका जन्म 16 जनवरी को दून मेडिकल कालेज में हुआ था।
अस्पताल के अभिलेखों में नवजात शिशु के पिता गिरीश भण्डारी व माता नीरजा निवासी शक्ति विहार रायपुर देहरादून प्रकाश में आये। नवजात शिशु के परिजन 17 जनवरी को नवजात शिशु को कही और इलाज कराने के नाम पर अस्पताल से ले गये थे।
नवजात शिशु के माता-पिता ने नवजात की जिन्दगी को खतरे में डालकर उसे एक बैग में डालकर कचरे के ढेर के पास झाडियों में फेंककर दिया था, जिसका सुराग पुलिस को सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मिला। इस सम्बन्ध में नवजात शिशु के माता-पिता के विरूद्ध थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है। वर्तमान में नवजात शिशु का दून अस्पताल में इलाज चल रहा है। नवजात शिशु की देखबाल के लिए थाना रायपुर से महिला पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया गया है।


