हरिद्वार। दो बड़ी हाउसिंग सोसायटी पर बिना खसरा नम्बर के सरकारी व गैर सरकारी भूमि को बेचने व करोडों रुपये की स्टाम्प शुल्क की चोरी के आरोप में दर्ज शिकायत पर कार्यवाही ना होने से क्षुब्ध शिकायतकर्ता ने प्रदेश सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि भूमि सम्बन्धी इस प्रकरण में पूरे प्रमाण व साक्ष्य देने व जांच में शिकायतकर्ता के द्वारा लगाए आरोप सही साबित होने के बावजूद भी सम्बन्धित लोगों के खिलाफ आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मामले के अनुसार रोहालकी किशनपुर हरिद्वार निवासी राजेश कुमार पुत्र स्व. पिताम्बर ने हीरो रियल्टी प्रा.लि. व ऐरा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बिना खसरा नम्बर के 135 बीघा सरकारी व गैर सरकारी भूमि को बेचने व करोडांे रुपये की स्टाम्प शुल्क की चोरी के आरोप में एक शिकायतपूर्ण साक्ष्यों सहित वर्ष 2021 में हरिद्वार विकास प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बताया गया कि उक्त दोनों कम्पनी मिलकर सराकरी व गैर सरकारी भूमि पर बिना खसरा नम्बरों के रजिस्ट्रीयां कर रही हैं। साथ ही उत्तराखण्ड सराकर को करोडों रूपये के स्टाम्प शुल्क की भी चपत लगाई है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त पूरे प्रकरण की शिकायत उन्होंने एचआरडीए के साथ ही जिलाधिकारी व शहरी विकास मंत्री को भी दी। जिसके बाद डीएम के आदेश पर मामले की जांच हुई। बताया गया कि जांच में उक्त कम्पनियों द्वारा गलत व झूठे तथ्य पेश करने व तथ्य छुपाने की पुष्टी हुई। उसके बावजूद भी मामले में प्राधिकरण की ओर से इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके साथ ही रूडकी विकास प्राधिकरण के द्वारा हीरो रियल्टी को 135 बीघा भूमि पर लेआउट पास कर दिया जबकि वर्ष 2008 से आज तक भी उपरोक्त भूमि गोबिंद मिश्रा, केएन मिश्रा के नाम दर्ज चली आ रही है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि मामले को दबाने के लिए उन्हें धमकियां भी मिल रही हैं। अब ऐसे में शिकायतकर्ता राजेश का कहना है कि यदि समय रहते इन भूमाफियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो, वह प्रदेश हित में 10 दिन बाद एचआरडीए कार्यालय पर आंदोलन करने को मजबूर हों जायेंगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होंगी।