हरिद्वार। देर रात भाजपा ने अपने पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। जिसके बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष के स्वर सुनायी दिए। जो नेता टिकट की आस लगाए बैठे थेे उन्हें दरकिनार कर नए चेहरों को टिकट देने से कुछ नेता बगावत के मूड में हैं।
आरोप है कि टिकट वितरण में समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई। ऐसे में चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। वहीं मेयर के टिकट को लेकर भी खींचतान जारी है। खेमों में बंटे भाजपा नेता अपने-अपने प्रत्याशी की पैरवी करने में जुटे हैं। ऐसे में जो भी मेयर पद का प्रत्याशी घोषित होगा उसके लिए जीत की राह इतनी आसान होने वाली नहीं है। कारण की गुटबाजी में फंसी भाजपा के नेता एक-दूसरे की जड़ों में मट्ठा देने का कार्य अवश्य करेंगे। ऐसे में यदि कांग्रेस की ओर से कोई दमदार प्रत्याशी मैदान में आता है तो उसकी जीत की संभावना कहीं अधिक होगी।
वहीं भाजपा के लिए राह में कांटे बिछाने का कार्य अभी से किया जाने लगा है। अभी मेयर पद का टिकट फाइनल भी नहीं हुआ है, बावजूद इसके नीलम हत्याकांड़, जमीन घोटाला और अन्य घोटालों पर चर्चा आम हो गई है। वहीं आज तक एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे नेता अब गलबहियां करने लगे हैं। जो कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं देखना चाहते थे, उन नेताओं की तिकड़ी अब टिकट के लिए मिलकर जोर लगा रही है।
जैसा की राजनीति में कहा जाता है कि राजनीति में कोई किसी का न तो स्थायी शत्रु होता है और न ही स्थायी मित्र। इसकी बानगी हरिद्व़ार के एक नेता के साथ देखने को मिली। लोकसभा चुनावों में हरिद्वार के एक नेता ने चुनाव में समर्पण भाव से सेवा की। उनका परिवार भी मेयर के टिकट की दौड़ में था, किन्तु जिन नेताजी के लिए उन्होंने दिन-रात एक की वहीं अब दूसरे की पैरवी करने में जुटे हैं। खैर चुनाव की बिसात कोई शहर का विकास करने के लिए नहीं बल्कि उस व्यक्ति को बनाने के लिए सारी मशक्कत की जा रही है, जो कठपुतली की तरह कार्य करे।
सभी जानते है कि 2027 में अर्द्धकुंभ मेले का आयोजन होना है। ऐसे में मेले के नाम पर मोटा बजट भी आएगा। यदि किसी पढ़ी-लिखी व समझदार महिला को टिकट दिया जाता है वह कम से कम कठपुतली की भांति को कार्य नहीं करेगी, जिस कारण से अर्द्धकुंभ का बजट उनके हिसाब से ठिकाने नहीं लग पाएगा और पैरवी करने वालों की निगाह अभी से कुंभ के संभावित बजट पर हैं। जैसा की पूर्व में शिवालिकनगर नगर पालिका में करोड़ा का घोटाला सामने आया। कुंभ के नाम पर फर्जी भर्ती कर करोड़ों को घोटाला किया, जिसकी जांच अभी भी ठंडे बस्ते में है।
अब देखना दिलचस्प होगा की भाजपा मेयर का प्रत्याशी किसे बनाती है। उसके बाद भी राजनीति का रंग पूरी तरह से देखने को मिलेगा।