विनोद धीमान
हरिद्वार। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजय दशमी का पर्व परम्परागत तरीके से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहादरपुर जट,शाहपुर, बादशाहपुर सुल्तानपुर, लक्सर और खानपुर में आयोजित मेले में शुक्रवार की सायंकाल भगवान श्रीराम ने रावण से युद्ध कर रावण का वध किया, फिर रावण के पुतले का दहन हुआ।
रावण दहन देखने के लिए भारी संख्या में बच्चों समेत लोगों की भीड़ जुटी रही। रावण वध एवं पुतला दहन के मद्देनजर पुलिस कर्मियों को चप्पे-चप्पे पर तैनात कर दिया गया था। राम-रावण युद्ध का मंचन देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। जैसे ही दिन ढला भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर दिया और फिर विशालकाय बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को राम और लक्ष्मण ने अपने अग्नि बाण से जला दिया।
यहां जोर-जोर से पटाखे की आवाज और जयकारे के बीच रावण धू-धू करके जल उठा। शाहपुर और बादशाहपुर में आयोजित मेले का बच्चों, बड़े बुजुर्गों और महिलाओं ने जमकर आनंद लिया। वहीं ग्राम पंचायत शाहपुर शीतला खेड़ा के ग्राम प्रधान दीपक सैनी और जट बहादरपुर के राम लीला कमेटी के आयोजक धर्मेन्द्र चौहान ने बताया कि गाँव में विजय दशमी का त्यौहार बडे़ ही उल्लास के साथ मनाया गया है। श्री राम ने तीर चला कर बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक अहंकारी रावण का वध कर दिया और रावण धू-धू कर जल गया।
वहीं लक्सर सनातन धर्म सभा रामलीला कमेटी ने रामलीला मैदान में 40 फीट का रावण तैयार किया गया। शाम को रावण युद्ध के पश्चात रावण दहन कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये पुलिस चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए थी। पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र ने अग्नि बाण छोड़कर रावण का वध किया। रामलीला मैदान भगवान श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। राम रावण का संवाद सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। रावण दहन के बाद सभी अपने अपने घर चले गए।
वहीं सुल्तानपुर राम लीला कमेटी के आयोजक विजय गुप्ता उर्फ नीटी ने बताया कि दशहरा या विजय दशमी का त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत की भावना को दिखाता है और इस दिन रावण दहन के साथ ये सीख मिलती है कि अपने मन की बुराइयों को भी जलाकर खाक कर देना चाहिए। हम सब को मिल जुल कर रहना चाहिए। रावण भी हम सबको यही सीख देकर गया है।