हरिद्वार। कनखल का एक व्यापारी साइबर ठगों का शिकार होने से बच गया। दूध खरीदने के नाम पर अपने जाल में फंसा कर व्यापारी को ठगने का प्रयास किया गया, किंतु अपनी बुद्धिमत्ता के कारण व्यापारी ठगी का शिकार होने से बच गया।
जानकारी के मुताबिक कनखल दक्ष मार्ग स्थित दूध व्यवसाई सुशांत अग्रवाल पुत्र भगवत अग्रवाल के पास शनिवार की सुबह एक फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने स्वयं को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में एनसीसी कैंप का संचालक होना बताया। ठग ने सुशांत अग्रवाल से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय सभागार में 40 किलो दूध मंगवाया तथा भुगतान वही करने की बात कही। जिस पर व्यापारी ने अपने व्यक्ति को दूध लेकर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय भेज दिया।
गुरुकुल कांगड़ी पहुंचने पर ठग का फोन आया और उसने व्यापारी को कहा कि तुम्हारे द्वारा भेजा गया व्यक्ति यहां खड़ा है। इस प्रकार के कपड़े पहने हुए हैं। मैंने आपको क्यूं आर कोड भेज दिया है। आप उस पर भुगतान कर दीजिए। जब व्यापारी ने क्यूं आर कोड देखा तो उसमें भुगतान प्राप्त करने की जगह भुगतान भेजे जाने का कोड था। जिस पर व्यापारी का माथा ठनका।
व्यापारी ने कहा कि यह कोड तो भुगतान करने का है, जिस पर ठग ने सुशांत अग्रवाल को अपने शब्दों में जाल में फंसाकर एक सप्ताह कैंप होने तथा प्रतिदिन बड़ी मात्रा में दूध मांगने की बात कही, किंतु व्यापारी ने समझदारी दिखाते हुए ठग के जाल में नहीं फंसा।
साइबर ठगी का यह पहला ऐसा मामला है, जहां किसी व्यापारी से माल मंगाकर उसको ठगने का प्रयास किया है। इस संबंध में व्यापारी ने जब विश्वविद्यालय में पूछताछ की तो वहां पर एनसीसी के किसी भी प्रकार के कैंप होने से इनकार कर दिया। इस संबंध में व्यापारी पुलिस में शिकायत करने की तैयारी कर रहा है।


