हरिद्वार। कमल भदौरिया ने अपने गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के विरुद्ध बयानबाजी के लिए हरिद्वार न्यायालय में स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती शिष्य स्वामी प्रकाशनंद जमहाराज के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
अपने बयानों में कमल भदौरिया ने न्यालय में बताया कि उनके गुरु आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज 19 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के संभल स्थित कलकी पीठ में विशिष्ट अतिथियों में आमंत्रित किया गया था।
समारोह में कई संतो के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य संत मौजूद थे जिसमें स्वामी महेश्वरानंद ने समाचार में प्रधानमंत्री के मच पर अपहरण के आरोपी का होना दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिया कि सन 1997 में मुकदमे में अपहरण जैसे गंभीर मामले में में निरंजन पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि थे और 26 साल से में फरार होना बताया। यह भी कहा कि जिस व्यक्ति को जेल में होना चाहिए था वह व्यक्ति प्रधानमंत्री के साथ बैठकर के न्याय चिढ़ाने का कार्य कर रहा है, जबकि महेश्वरानंद द्वारा लगाए गये मुकदमे से संबंधित आरोप मुकदमा समाप्त किया जा चुका है, जिसकी जानकारी महेश्वरानंद महाराज को है, लेकिन उन्होंने अमर्यादित और अज्ञानता से परे बयान देकर भावनाओं को आघात पहुंचा।
इस संबंध में कमल भदौरिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानंद को कानूनी नोटिस भी भेजा। उन्होंने नोटिस मिलने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया और न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें वर्तमान में अपने गवाह के बयान की 27 फरवरी 2024 के लिए न्यायालय ने तारीख नियत की है।