जानिए क्या है सोने की सबसे अच्छी और बुरी पोजीशन

हम हर रोज जिस पोजीशन में सोते हैं उनका हमारी सेहत पर काफी असर होता है। इन पोजीशन के फायदे के साथ-साथ नुकसान भी होते हैं। जानें किस पोजीशन में सोने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हैं।

सोयें सही, रहें सही
जिस तरह पर्याप्त नींद हमारे सेहत के लिए बहुत जरूरी है उसी तरह सोने का तरीका भी हमारे सेहत को प्रभावित करता है। कई बार गलत तरीके से सोने से हमारे दिमाग के साथ-साथ मूड पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि अपने सोने के तरीके का खास खयाल रखें। अगर हम अच्छी तरह सोते हैं तो सुबह तरोताजा उठते हैं। अच्छी नींद हमें कई तकलीफों से दूर रखती हैं। इससे हमारी कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी सही रहती है। इससे इन हिस्सों में दर्द नहीं होता। आइए जानें कि किस तरह से सोने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हैं।

तकिये का सहारा
करवट लेकर सोना जिसमें आपके घुटने मुड़े हुए हों। आपके दोनों घुटनों के बीच में तकिया हो। इसके अलावा अगर आप सीधा लेटते हैं तो अपने दोनों घुटनों के नीचे तकिया रखकर सोयें। बॉडी पिलो आपकी रीढ़ की हड्डी का कुदरती कर्व बनाये रखने में मदद करते हैं। इससे हमारी पीठ में दर्द नहीं होता।

सिर का तकिया भी है जरूरी
सिर के नीचे लगाया जाने वाला तकिया भी महत्वपूर्ण होता है। अगर आप करवट लेकर सोते हैं, तो तकिया सिर और गर्दन को सही सपोर्ट देने वाला होना चाहिये। इससे रीढ़ की हड्डी को भी सपोर्ट मिलता रहता है। यह तकिया कमर के बल सोने वालों के सिर के नीचे लगने वाले तकिये से थोड़ा मोटा होना चाहिये। कमर के बल सोने वालों का तकिया आपकी गर्दन और पलंग के बीच लगना चाहिये और सिर आगे की ओर नहीं झुका होना चाहिये।

मैटर्स हों सही
आपका बिस्तर भी सही होना चाहिये। आपका मैटर्स आपके शरीर को पूरा सहारा देने वाला होना चाहिये। इस पर सोते समय आपके शरीर के अलग-अलग पार्टस पर ज्यादा जोर नहीं पड़ना चाहिये। अगर बिस्तर आरामदेह हो तो आपको नींद अच्छी आती है।

बुरी पोजीशन
कई बार आपने महसूस किया होगा कि सुबह उठकर आपके शरीर में दर्द होता है। आपकी गर्दन, सिर और बदन में दर्द होता है। इसकी बड़ी वजह आपकी सोने की पोजीशन भी हो सकती है। तो जितना जरूरी आपके लिए यह जानना है कि कैसे सोना सही है, उतना ही जरूरी यह जानना भी है कि आपको किस पोजीशन में सोने से बचना चाहिये।

पेट के बल सोने से बचें
पेट के बल सोने से बचना चाहिये क्योंकि इससे आपकी लोअर बैक पर अतिरिक्त खिंचाव पड़ता है। और साथ ही गर्दन और कंधे की पॉश्चर भी ज्यादा जोर पड़ता है।

घुटने छाती से लगाकर सोना
कुछ लोग बच्चों की तरह घुटने अपनी छाती से लगाकर सोते हैं। यह फीटस या भ्रुण पोजीशन भी कहते हैं। ऐसी पोजीशन में सोने से आपकी कमर पर ज्यादा जोर पड़ता है। आपकी कमर में दर्द होने लगता है। इसके साथ ही आपकी गर्दन भी लगातार झुकी रहने के कारण उसमें भी दर्द हो सकता है।

सिर के नीचे हाथ न लगायें
सिर के नीचे हाथ लगाकर न सोयें। इससे आपके हाथ की मांसपेशियों में तो दर्द होता ही है साथ ही साथ सिर और गर्दन की मांसपेशियों पर भी अधिक जोर पड़ता है।

पीठ के बल सोने के नुकसान
कई बार लोग पीठ के बल सोते हैं उनमें खर्राटे की समस्या बढ़ जाती है। जब आप इस अवस्था में सोते हैं तो इससे जीभ पीछे की तरफ हो जाती है। तालू के पीछे यूव्यल (अलिजिह्वा-तालू के पीछे थोड़ा-सा लटका हुआ मांस) पर जाकर लग जाती है, जिससे सांस लेने और छोड़ने में रुकावट आने लग जाती है। इससे सांस के साथ आवाज और वाइब्रेशन होने लगता है।

Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com
9897902760

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