जानिए स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी है बेर

बेर भारत का बहुत ही प्राचीन एंव लोकप्रिय फल है। यह विटामिन सी व विटामिन बी का अच्छा स्रोत है तथा इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौह और ग्लूकोज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। बेर पौष्टिक फल है, सस्ता एंव लोकप्रिय फल होने के कारण इसे गरीबों का सेब भी कहा जाता है।


यह बहुत ज्यादा तापमान व सूखे क्षेत्र में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसकी लगभग 40 प्रजातियाँ भारत में पाई जाती हैं। बेर का पेड़ 7.12 मीटर तक लंबा होता है तथा उसका तना 30 सेमी चौड़ा, शाखाएं झुकी हुईं, तेजी से बढ़ने वाला है। इसकी उम्र लगभग 25 साल की होती है।
बेर का रंग हरा, पीला, लाल और गहरा कत्थई व आकार में गोल या अंडाकार होता है। पका हुआ बेर बहुत मीठा, ज्यूसी व नरम रहता है। एक साल में 1 पेड़ से 50-250 किलोग्राम तक बेर प्राप्त होते हैं।

बेर अत्यंत उपयोगी है
त्वचा पर कट या घाव होने पर फल का गूदा घिसकर लगाने से कटा हुआ स्थान जल्दी ठीक हो जाता है।

फेफड़े संबंधी बीमारियों व बुखार ठीक करने के लिए इसका जूस अत्यंत गुणकारी है। बेर को नमक और कालीमिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या दूर होती है।

सूखे हुए बेर को खाने से कब्जियत दूर होती है। बेर को छाछ के साथ लेने से भी घबराहट, उल्टी होना व पेट में दर्द की समस्या खत्म हो जाती है। इसकी पत्तियां तेल के साथ पुल्टिस बनाकर लगाने से लीवर संबंधी समस्या, अस्थमा व मसूड़ों के घाव को भरने में भी मदद करती हैं।

बेर की जड़ों का जूस थोड़ी-सी मात्रा में पीने से गठिया एवं वात जैसी बीमारियों को भी कम करता है। बेर शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक व स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ आम आदमी की पहुंच में है। हर वर्ग का व्यक्ति इसे आसानी से उपयोग में ले सकता है। पर इतना जरूर ध्यान रखें कि बेर को पहले 3-4 बार अच्छे पानी से धोकर ही खाएं।

बेर की पत्तियों में 61 आवश्यक प्रोटीन पाए जाने के साथ विटामिन सी, केरिटलॉइड और बी कॉम्प्लेक्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। बेर को पकाकर, सेककर व उबालकर चावल या अन्य अनाजों के साथ चटनी बनाकर खाई जाती है। इससे जैम, टॉफी, अचार आदि भी बनाए जा सकते हैं। तना बहुत मजबूत होने के कारण इसकी नाव, औजार घर के खंभे, खिलौने आदि बनाए जाते हैं।

Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com
989790276

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