हरिद्वार। एक बाबा के सताए कुछ संतों और लेनदारों के मध्य आज एक होटल में लम्बी वार्ता हुई, जिसमें बाबा के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलने और बाबा की करतूतों को सबूतों के साथ समाज के सामने लाने की रणनीति पर सहमति बनी। इसकी जिम्मेदारी सभी लेनदारों और संतों ने एक वरिष्ठ संत के जिम्मे सौंपी।
सूत्रों के मुताबिक हरिद्वार के एक बाबा के दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे काले कारनामों, आपराधिक कार्याें में लिप्त होने और सरकारों द्वारा बाबा के खिलाफ कोई कार्यवाही न करने तथा उसे संरक्षण देने के खिलाफ बाबा के सताए संत, लेनदार व कुछ अन्यों ने एक होटल में बैठकर मंत्रणा की।
बैठक में हरिद्वार, यूपी के संतों के अलावा यूपी बिजनौर, मौहाली चण्डीगढ़ व हरिद्वार के लेनदार व दिल्ली के आसपास के क्षेत्र के कुछ लोग शामिल हुए। सूत्र बताते हैं कि संतों ने बाबा के कारनामों के कारण संतों की धूमिल होती छवि पर चिंता जतायी तो लेनदारों ने उनका करोड़ों रुपये का कर्जा न देने पर बाबा के खिलाफ सड़क पर उतरकर बाबा का पर्दाफाश करने की बात कही।
वहीं अन्यों ने बाबा के द्वारा दूसरों की धार्मिक सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करने पर बाबा का सबूतों के साथ पर्दाफाश करने की बात कही। वहीं सरकारों और प्रशासन द्वारा बाबा के खिलाफ काई कार्यवाही न करने तथा सरकारों के संरक्षण देने पर भी खेद व्यक्त करते हुए समाज को बाबा की करतूतों से अवगत कराते हुए समाज को ऐसे लोगों के खिलाफ एकजुट करने पर सहमति बनी।
इस सबके लिए बैठक में मौजूद सभी लोगों ने हरिद्वार के एक वरिष्ठ संत व उनके सहयोगी को इस नेक कार्य के लिए आगे आने का अनुरोध किया। जिस पर संत ने अपनी स्वीकृति देते हुए धर्म रक्षा और संतों की गरिमा को बचाए रखने के लिए कार्य में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। अब देखना दिलचस्प होगा की गंगा की नगरी में हुई बैठक कितना रंग लाती है।


