हरिद्वार। कनखल स्थित राधेकृष्ण विहार में लाखों रुपया खर्च कर जमीन खरीदने के बाद भी लोग जमीन के मालिक नहीं बन पा रहे हैं। कारण की उनका नाम आज तक जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद भी दाखिल खारिज नहीं हो पाया है। जिसके बाद से लोग परेशान हैं।
बताते हैं कि जिस जमीन पर राधेकृष्ण विहार कालोनी बनायी गई है, वह जमीन आद्यशक्ति आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी रसानदं महाराज की हुआ करती थी। सूत्रों के मुताबिक रसानदं से जुड़ी सभी सम्पत्तियों के चार लोग मालिक थे। इसमें से सम्पत्ति के एक भाग के मालिक स्वामी रसानदं, दूसरी महादेवी नक्षत्रम व शेष सम्पत्ति के आधे-आधे के मालिक महादेवी ऩक्षत्रम के दो दत्तक पुत्र और पुत्री थे।
महादेवी नक्षत्रम और स्वामी रसानंद की मृत्यु के बाद सम्पत्ति के स्वामी दोनों बच्चे और स्वामी रसानंद की पत्नी हुई। महादेवी नक्षत्रम और स्वामी रसानंद की मृत्यु के समय दोनों बच्चे नाबालिक थे। बावजूद इसके बच्चों के सम्पत्ति नाम हुए बिना ही सम्पत्ति को बेच दिया गया। स्थिति यह है कि आज तक सम्पत्ति में बच्चों का नाम नहीं चढ़ा। जबकि सम्पत्ति को लेकर विवाद चला आ रहा है और सम्पत्ति पर एक संत ने कब्जा किया हुआ है।
कुछ प्रतिष्ठित संतों का कहना है कि जब सम्पत्ति पर बच्चों का अधिकार था तो सम्पत्ति को कैसे बेच दिया गया। अब जबकि बच्चे बालिग हो चुके हैं तो सम्पत्ति में उनका नाम क्यों नहीं चढ़ा और बिना बच्चों के बालिग हुए सम्पत्ति को कैसे बेच दिया गया।
संतों का कहना है कि इस संबंध में वह सोमवार को जिलाधिकारी ने शिकायत कर मामले की जांच और आरोपित संत की गिरफ्तारी की मांग करेंगे, की आखिर बच्चों के नाबालिक होते हुए सम्पत्ति को कैसे और किस अधिकार के साथ बेचा गया। जबकि जिस-जिस सम्पत्ति को बेचा गया है उस पर न्यायालय की रोक है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है।


