नगर निगम की बजट बैठक शीघ्र बुलाए जाने की मांग
हरिद्वार। भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जनहित में नगर निगम की बजट बैठक शीघ्र बुलाने के लिए मेयर को निर्देशित करने के साथ ही मेयरपति के हस्तक्षेप से निजात दिलाने की मांग की है।
भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि हरिद्वार नगर निगम प्रदेश का प्रवेश द्वार होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण नगर निगम है, जहां आबादी से ज्यादा जनसंख्या तीर्थयात्री व पर्यटकों के रूप में प्रतिदिन आती हैं। ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था, पथ प्रकाश व्यवस्था, नालों की सफाई, कीटनाशकों का छिड़काव नियमित होना अत्यन्त आवश्यक है।
सीमित संसाधनों में नगर निगम के पर्यावरण मित्र, कर्मचारी व अधिकारी निरन्तर शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने में जुटे हैं। वहीं नगर निगम की मेयर श्रीमती अनीता शर्मा की उदासीनता, नगर हित के कार्यों के प्रति संवेदनहीनता व उनके पति अशोक शर्मा के अत्याधिक हस्तक्षेप के चलते नगर निगम की व्यवस्थाएं पटरी से उतर रही है। उनके प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए मेयर के पति अकारण कर्मचारियों व अधिकारियों से अभद्र व्यवहार करते रहते हैं। साथ ही साथ बोर्ड में अधिकांश पार्षद भाजपा के होने के कारण नगर निगम में भाजपा का बहुमत है जिस कारण मेयर के पति निरन्तर जनहित के कार्यों में अडंगा लगाते रहते हैं। कहाकि विगत दिवस जिस प्रकार मेयर की उपस्थिति में उनके पति द्वारा महिला स्वयं सहायता समूह की पदाधिकारी के साथ की गयी अभद्रता से नगर निगम की मर्यादा प्रभावित हुई है।
अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि मेयर के पति ने जिस प्रकार हरिद्वार के मुख्य नगर आयुक्त के प्रति अपशब्दों का प्रयोग किया है वह निंदनीय होने के साथ-साथ गैर कानूनी भी है। शहर हित के प्रति उदासीनता का आलम यह है कि मार्च माह में होने वाली बजट बैठक मई माह आधा बीत जाने के आद भी आहुत नहीं की गयी है, जिसके चलते अनेक विकास कार्य व भुगतान संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। यात्रा सीजन चरम पर है, बजट के अभाव में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव व फॉगिंग का कार्य भी प्रारम्भ नहीं हुआ है।
मेयर पति की दबंगता के चलते आम जन मानस, पार्षदगण व कर्मचारी, अधिकारी मेयर कार्यालय में जनहित के कार्यों के निस्तारण के लिए जाने में संकोच करते हैं। उन्होंने जनहित में जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि मेयर को शीघ्र बजट बैठक बुलाने के लिए निर्देशित करने के साथ-साथ उनके पति के नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप व दबंगता पर रोक लगाने के आदेश प्रदान करें। उन्होंने इस संदर्भ में पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं मदन कौशिक शहरी विकास मंत्री को भी प्रतिलिपि प्रेषित की है।


