बोले, जरा सी भी संतई बाकी है तो अपने पद से दें इस्तीफा
हरिद्वार। त्याग का उपदेश देने वाले कथित भगवाधारी किस तरह से मोह माया में फंसकर दूसरों की जमीनों पर कब्जा करते हैं, इसकी बानगी यूपी के पीलीभीत और बरेली में देखी जा सकती है। जहां हेराफेरी कर एक संत की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। इतना ही नहीं मुकदमा जीतने के बाद भी मठ पर किया कब्जा बरकरार है। बावजूद इसके ऐसे कथित संत स्वंय को पाक साफ कहते हुए नहीं थकते हैं।
जमीन पर कब्जे के संबंध में वृहस्पति गिरि महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी गुट) के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज पर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाया है। महंत वृहस्पति गिरि महाराज ने बताया कि बताया कि जिला पीलीभीत तहसील बीसलपुर ग्राम श्री पुरिया भूताईनाथ मंदिर बनखंडी नाथ पर एक फर्जी बैनामा कर पंचम गिरि ने पंचम दास बनकर जमीन बेच दी। ठीक इसी तरीके से हेराफेरी कर मोहल्ला जोगी नवादा मंदिर बनखंडी नाथ विराजमान शिव ठाकुर जी महाराज सरवरकार महाराज प्रयाग दास चेला बाबा रघुवर दास व गोविंद दास चेला बाबा राम प्रिया दास बंशीदास चेला बाबा नारायण दास की जमीन को हेराफेरी करके पूरे मंदिर बनखंडीनाथ को हड़प करे हुए हैं। श्रीमहंत वृहस्पति गिरि महाराज ने बताया कि यह मठ बैरागी समुदाय का है। हरि गिरि, पंचम गिरी इस मंदिर को हड़पे हुए हैं।
बताया कि ग्राम महेशपुर ठाकुरान मंदिर ठाकुर जी महाराज की 800 बीघा जमीन थी। बैरागी समुदाय का मठ था। इन्हीं पंचम गिरी वगैराह ने फर्जी तरीके से बैरागी समुदाय की सारी जमीन बेच दी। कहाकि इनका यही काम है। अपने पद पर रहते सीधे-साधे भले साधुओं को जमीन जायदाद के लालच में उनको फर्जी बता देते हैं, जबकि ये खुद ही फर्जी हैं। कहाकि इनकी अखाड़ा परिषद और इनकी सही तरीके से जांच करवाई तो यह सभी जेल जाएंगे। उन्होंने ऐसे लोगों को संत समाज से बर्खास्त करने की मांग की। कहाकि कितने साधुओं की मंदिर अलखनाथ में हो चुकी है। सभी इन लोगों की साजिश है।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहाकि हरि गिरि आदि व कालू गिरि कभी भी उनकी हत्या करवा सकते हैं। जमीन की लालच में हमारे गुरु महंत धर्म गिरि व हमारे चाचा गुरु नीरज गिरि की हत्या करवा चुके हैं। बताया कि 2012 बासी मठ बहेड़ी कालू गिरी व जूना अखाड़ा वालों ने हम पर हमलाकर गोली चलाई थी, जिसमें दोनों पक्षों के लोग जेल गए थे।
कहाकि महंत हरिगिरि के कारण ही वे परेशान हैं। घोटाला करके महंत हरिगिरि महाराज जमीनों पर कब्जा किया है। कहाकि यदि हरिगिरि महाराज में जरा सी भी बाबागिरि है और वह सच्चाई के मार्ग पर हैं तो तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। बनखंडी नाथ पर पंचम गिरि से पंचम दास बनकर बैरागी संतों की जो जमीन खरीदी है उसके सभी पुख्ता सबूत हैं। कहाकि अब ऐसे बाबाओं को फर्जी घोषित करने के लिए वह संतों के बीच अभियान चलाएगंे और अखाड़ा परिषद से मांग करेंगे की वह ऐसे सतों के खिलाफ कार्यवाही करे, जिससे संतों की गरिमा बनी रहे।