भाग्योदय फाउंडेशन के तत्वावधान में इन्दिरानगर के सेक्टर-14 में चल रही प्रभु श्रीराम चर्चा के दूसरे दिन विद्वान कथा व्यास आचार्य सन्तोष भाईश्री ने श्रोताओं को घर में राम राज्य की स्थापना के महत्वपूर्ण सूत्र दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार में आज मंथरा, रावण और कुंभकरण की विचारधारा घूम रही है। ऐसे परिवार को कुविचारों के विष से बचाने के लिए भरत जैसे संत के सत्संग का होना बड़ा जरूरी है।
राम मड़ैया गली सेक्टर 14 स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में उपस्थित स्त्री पुरुषों को संबोधित करते हुए आचार्य सन्तोष भाई श्री ने कहा कि भगवान राम के कार्य को करने के लिए बहुत बड़े बल एवं पौरुष की आवश्यकता नहीं है। बल्कि प्रभु श्रीराम के कार्य करने के लिए आज गिलहरी जैसा प्रयास सार्थक हो जाता है। प्रभु श्रीराम चर्चा का उन्होंने कहा कि इस सत्संग समारोह का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक मनुष्य के हृदय में भगवान राम के गुणों की स्थापना करना है, ताकि हमारे हृदय से काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष जैसे विकार शुद्ध होकर प्रेम, करुणा, दया, क्षमा जैसे सद्गुणों में बदल जाए। कहा- भगवान श्रीराम व भगवान श्रीकृष्ण की कथा लोग अक्सर सुनते हैं, लेकिन उनके अपने ही परिवारों के मन के मैल साफ नहीं होते। भगवत चिंतन करते-करते अपने मन को शुद्ध करना भगवान की कथा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। इसके पूर्व भजन गायक राम नरेश वर्मा एवं निराला सिंह द्वारा मनोहारी भजन प्रस्तुत किए गए।
भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष व संस्थापक राम महेश मिश्र ने बताया कि राजधानी लखनऊ के विभिन्न अंचलों में इस तरह के श्रीराम चर्चा सत्संग महोत्सवों का आयोजन संस्था द्वारा किया जाएगा। इस अभियान की सफलता के लिए विभिन्न संस्थाएं साथ आ रही हैं। श्री मिश्र ने सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर सेवा समिति के पदाधिकारियों जे.के.वर्मा, राजेश दीक्षित, राजेश प्रसाद मिश्र, सविता खेतान आदि की सराहना की। कार्यक्रम समन्वयक एवं भाग्योदय फाउंडेशन के संस्कार प्रमुख रामेन्द्र कुमार मिश्र के अनुसार सत्संग महोत्सव का समापन 21 जुलाई की सन्ध्याकाल होगा। कार्यक्रम का संचालन अवध सेवा संकल्प समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी अपूर्व माहेश्वरी ने किया।


