होली के समय में हमारी आंखों को सबसे अधिक नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि होली में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग आंखों में जलन, संक्रमण पैदा कर सकते हैं या फिर आंखों को चोटिल कर सकते हैं। होली के बाद अस्पतालों में सामान्य तौर पर त्वचा व आंखों के मरीजों की आवाजाही बढ़ जाती है। इसलिए सावधानी जरूर बरतनी चाहिए।
आंखों में जलन की समस्या
कुछ रंगों के आंखों के साथ संपर्क में आने से आंखों में जलन होने लगती है और आंखें लाल हो जाती हैं। अगर यह समस्या दो चार दिनों में ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है। आंखों में किसी प्रकार की समस्या होने पर यह देखना चाहिए कि आपकी दृष्टि की स्पष्टता में तो कोई कमी नहीं आई है? यदि हां तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
ये सावधानियां हैं जरूरी
अपनी आंखों को बचाकर रखें। कोई आप के पास रंग लगाने आए तो अपनी आंखों को बंद करके पहले बचाने का प्रयास करें।
आंखों में चश्मा पहनें, जिससे खतरनाक रंगों के रसायन से आपकी आंखें बच सकें।
बालों पर कोई बड़ी-सी टोपी या हैट लगाएं, जिससे आपके बालों का केमिकल डाई के दुष्प्रभाव से बचाव हो सके।
नहाते समय और रंगों को निकालते समय आंखों को अच्छी तरह से बंद कर लें ताकि पानी के साथ बहता हुआ रंग आप की आंखों में प्रवेश न कर सके।
घर पर खुद ही रंग बनाएं और उन्हीं का इस्तेमाल करें। बाहर के खरीदे हुए हानिकारक रंगों को इस्तेमाल न ही करें तो ही अच्छा है।
बच्चों को गुब्बारों से खेलने के लिए उत्साहित न करें, क्योंकि गुब्बारे कभी भी किसी की आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अपने रंग लगे हाथों को आंखों के पास न ले जाएं। हाथ धोने के बाद ही आंखों को छुएं। आंखों को मसलने या रगड़ने की गलती भी न करें।
ऐसे लोगों से बचने का प्रयास करें, जो हाथों से आपके चेहरे पर रंग लगाने आएं। यदि कोई रंग लगाने आए तो आप आंखों और होंठों को बंद कर लें ताकि रंग आपके मुंह या आंखों में न जा पाए।
होली खेलने से पहले चेहरे पर कोल्ड क्रीम की एक मोटी परत लगाएं ताकि रंग लगने के बाद जब आप अपना चेहरा धोएं तो रंग आसानी से निकल जाए।
यदि आंखों में कोई रंग चला जाए तो तुरंत पानी के छीटे मारें। यदि लक्षण कुछ भीषण प्रतीत हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
होली के बाद आपको आंखों में हल्की असहजता महसूस हो रही हो तो रुई के फाहे पर गुलाब जल छिड़क कर आंखों पर थोड़ी देर के लिए रखें। इससे आपकी थकी हुई आंखों को आराम मिलेगा।
यदि आंखों में रंग चला जाए और आंखों में जलन, सूजन या दर्द हो तो साफ पानी से आंखें धोएं। थोड़ी देर देखें, अगर तब भी लक्षण ऐसे ही रहें तो डॉक्टर के पास जाएं।
यदि आंख में गुब्बारे या रंग में मिले हुए किसी कण से चोट लग गई हो, रेटिना को नुकसान पहुंचा हो, रक्तस्रव हो, तो आंखों को पानी से धोने की गलती न करें। ऐसे में आंखें बंद करें और तुरंत अस्पताल जाएं।
आंखों को चोट न लगे
गुलाल में ऐसे छोटे-छोटे कण मौजूद होते हैं, जो यदि आंखों में चले जाएं तो कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कॉर्नियल एब्रेशन ऐसी ही एक एमरजेंसी होती है, जहां आंखों से निरंतर पानी गिरता रहता है और दर्द भी बना रहता है। यदि ध्यान न दिया जाए तो आंखों में संक्रमण या अल्सर हो सकता है।
होली पर गुब्बारों के इस्तेमाल से आंखों में अंदरूनी रक्तस्रव हो सकता है या किसी प्रकार की भी चोट लग सकती है। इसलिए ऐसे हालातों में किसी बात का इंतजार न करें। आंखों को किसी प्रकार का खतरा हो, उससे पहले आप किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ से अवश्य ही संपर्क करें।
Vaid Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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