अग्नि अखाड़ाः फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर सभापति ने खेला खेल

स्वामी रूद्रानंद गिरि शिष्य स्वामी परमेशानंद गिरि म हाराज ने पुलिस को दिए प्रार्थनापत्र में कहा है कि श्री पंच अग्नि अखाड़े की ओर से सहायक निबंधक फर्म सोसायटी एवं चीट्स कार्यालय वाराणसी में 12 मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किए गए। जिसमें महन्त गोपालानंद गुरु प्रेमानंद तथा महन्त पुरुषोत्तमानंद गुरु प्रेमानंद के मृत्यु प्रमाण पत्र बिलखा जुनागढ़ के प्रस्तुत किए गए।
प्रार्थनापत्र में कहा कि आरटीआई के द्वारा जवाब मांगने पर सूचना मिली कि महन्त पुरुषोत्तमानंद का मृत्यु प्रमाण पत्र बिलखा से नहीं बना है। महन्त गोपालानंद का मृत्यु रजी जेठवा रतीलाल राघवभाई ने 15 अक्टूबर 2018 को बिलखा में करवाया था और उनको महन्त गोपालानंद का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया गया। इसी मृत्यु प्रमाण पत्र से महन्त पुरुषोत्तमानंद का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर आचार्य ब्रह्मानंद विध्या धाम चापरडा से सत्यापित प्रतिलिपि करवाकर महन्त मुकुन्दानंद गुरु भगवतीनंद ब्रह्मचारी को अनैतिक कार्य करने में मदद की है।
महन्त मुकुन्दानंद ने इसी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर स्वामी रूद्रानंद ने बताया कि अग्नि अखाड़े की 16 सदस्यांे की कार्यकारिणी को मंजूर करवाया है। स्वामी रूद्रानंद गिरी ने बिलखा पुलिस स्टेशन में शिकायत देते हुए कहाकि महन्त पुरुषोत्तमानंद का फर्जी मृत्यु प्रमाण बनाकर उसका सही उपयोग कर फर्जी तरीके से अग्नि अखाड़े की कार्यकारिणी बनाकर लाभ लिया है। इसलिए अग्नि अखाड़े के 16 पदाधिकारियों आचार्य ब्रह्मानंद विध्या धाम चापरडा और जेठवा रतीलाल राघवभाई के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कानूनी कार्यवाही करने की उन्होंने मांग की है।

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