मां चंडी देवी मंदिर का एक भगवाधारी ने कर लिया था करोड़ों में सौदा, महंत की बेल ने फेरा अरमानों पर पानी

हरिद्वार। पौराणिक नगरी हरिद्वार जिसे मायापुरी के नाम से भी जाना जाता है। जो पुण्यदायी सप्तपुरियों में से एक है। जिसे धर्म-अध्यात्म की राजधानी भी कहा जाता है। किन्तु सबसे अधिक अधर्म के कार्य देखा जाए तो यहीं होते हैं। उनमें भी धर्म के ठेकेदार कहे जाने वाले भगवाधारी इन अधर्म के कार्योंं में सबसे अधिक संलिप्त हैं।


उल्लेखनीय है कि मां चंडी देवी मंदिर का विगत काफी समय ये विवाद चला आ रहा है। न्यायालय की लड़ाई लड़ने के बाद रोहित गिरि के पक्ष में फैसला आया। किन्तु कुछ समय बाद विवाद फिर गहरा गया। मंहत रोहित गिरि के जेल जाने के बाद उनके पुत्र को मंदिर का महंत बना दिया गया। भवानी शंकर गिरि के मंदिर का महंत बनते ही खेला शुरू हो गया। अब महंत रोहित गिरि भी जेल से बाहर आ गए हैं और उन्होंने भवानी शंकर गिरि को फर्जी महंत बताते हुए षड़यंत्र के तहत उन्हें जेल भेजने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।


सूत्र बताते हैं कि महंत रोहित गिरि के जेल जाने के बाद एक वरिष्ठ मण्डलेश्वर ने बड़ा खेला शुरू कर दिया। मां चंडी देवी मंदिर का सौदा कर डाला। सूत्रों के मुताबिक मां चंडी देवी मंदिर का साढ़े आठ करोड़ में एक मडलेश्वर ने सौदा कर लिया। जबकि मंदिर को लेकर विवाद जारी था। इसी दौरान महंत रोहित गिरि जेल से बाहर आ गए और मण्डलेश्वर समेत अन्य षडयंत्रकारियों का प्लान विफल हो गया। जबकि मण्डलेश्वर को विवाद को समाप्त करने की दिशा में कार्य करना चाहिए था, किन्तु मंदिर का चढ़ावा और सम्पत्ति देकर दूसरों को त्याग का ज्ञान देने वाले मण्डलेश्वर ने खुद साढ़े आठ करोड़ में सौदा कर डाला।


सूत्र बताते हैं कि मंहत रोहित गिरि को लम्बे समय तक जेल की सलाखों के पीछे रखने का भी भगवाधारी समेत कुछ लोगों का प्लान था, जिसमें वह सफल नहीं हो पाए और उनके अरमानों पर महंत रोहित गिरि की जमानत ने पानी फेर दिया। मंदिर का सौदा करने जैसा घृणित कार्य एक भगवाधारी द्वारा करना, जो दूसरों को धर्म का पाठ पढ़ाने का दंभ भरते हैं अधर्म की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *