आजकल के खान-पान में आप बच नहीं सकते धूल, धुँआ प्रदूषणआदि। अनेक प्रकार से केमिकल शरीर में जाता ही है। लेकिन यह एक ऐसी पद्धति है। जिसमें आप शरीर के अंदर के अंगों की भी स्वच्छ कर सकते है, वह भी कम समय में ही।
किडनी की स्वच्छता कोई भी वयस्क कर सकता है।
महीने में 2 बार करें, फिर 3 महीने में, 2 बार करें।
किडनी के कार्य
1:- दूषित केमिकल बाहर करती है।
2:- आरसीबी बढाती है।
3:- विटामिन डी को ग्रहण करने की क्षमता बढाती है।
4:- अम्ल और क्षार का संतुलन बनाती है।
5:- शरीर में द्रव की मात्रा का संतुलन बनाती है।
6:- यूरीन का निर्माण और उसे बाहर निकालना ही उसका कार्य है।
किडनी में गड़बड़ी होने के कारण
1:- तेज मसाले और अधिक तैलीय में बना भोजन कोई भी।
2:- केमिकल युक्त और पेकिंग भोजन।
3:- मधुमेह।
4:- उच्च रक्तचाप।
5:- अनुवांशिक गड़बड़ी।
6:- नेफ्राइटिस (किडनी में जलन का होना)।
7:- सिर दर्द, जोड़ो में दर्द, पीठ दर्द आदि।
8:- यूटीआई ब्लेडर में संक्रमण।
9:- किडनी में घाव होना।
किडनी खराब होने पर लक्षण
1:- सिर दर्द, जोड़ो में दर्द, पीठ दर्द आदि।
2:-मूत्र के साथ रक्त आना।
3:-रक्तचाप कम या ज्यादा होना।
4:-मूत्र त्याग के समय, उसकी गति में बदलाव होना।
5:-किडनी के आसपास दर्द।
6:-किडनी में पथरी बनना।
7:-मूत्रनलिका में पथरी बनना।
8:-हड्डियों में दर्द।
9:-मूत्र त्याग के दौरान जलन।
10:-आँखो के नीचे, चेहरे, एडि़यों आदि में सूजन।
11:-आलस व थकान महसूस करना।
किडनी स्वच्छता के लाभ
1:-किडनी में पथरी से मुक्ति।
2:-आंखों के नीचे के डार्क सर्किल खत्म, तरो ताजगी एनर्जी बहुत ज्यादा।
3:-हीमोग्लोबिन बढ़ जाता है।
4:-अच्छी नींद आती है।
5:-शरीर मे कैल्शियम बड़ जाता है।
6:-किसी भी प्रकार का टॉक्सिन बाहर हो जाता है।
7:-निम्न और उच्च रक्तचाप की शिकायत ठीक होती है।
8:-कोई भी शरीर का दर्द समाप्त हो जाता है ।
9:-महिलाआंे के मासिक धर्म और अनेक गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं में लाभ होता है ।
10:-पौरुष ग्रंथि की समस्या में भी लाभ होता है ।
11:-बिस्तर पर मूत्र निकल जाने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है ।
12:-किडनी स्वच्छ करने से पहले , लीवर को स्वच्छ कर ले तो और अच्छा है।
स्वच्छता के लिए आवश्यक सामग्री
1:- भुट्टे के बाल ताजा 500 ग्राम, पानी 1 लीटर।
2:- भुट्टे के बाल सूखे- 50 ग्राम, पानी 1 लीटर।
3:- पार्सली या फिर धनिया ताजा- 500 ग्राम, पानी 250 मिली लीटर।
4:- तरबूज के बीज 200 ग्राम, पानी 250 मिली लीटर।
5:-भुट्टे के बाल, पार्सली या धनिया या तरबूज के बीज तीनो में से किसी , एक का प्रयोग करे। अगले बार दूसरे का फिर तीसरे का, सभी को मिश्रीत (आपस में मिलाकर ) करके प्रयोग न करें। भुट्टे के बाल को बिना धुले ही सुखाकर रख ले,खराब नहीं होते है।
6:-तरबूज के बीज को छिलके सहित कूटकर प्रयोग करें। अगर (बाजार की पेकिंग का बीज है तो, गर्म पानी से धो लें। क्योंकि, पेस्टिसाइड कोटिंग होती है, खुले ही ले तो अच्छा है।
7ः- तरबूज के बीज या धनिया का प्रयोग करते समय, सिर्फ 250 मिली लीटर पानी लंे, और केवल 2 ही बार 250-250 मिली लीटर पानी में उबाले।
किडनी स्वच्छ करने की विधि
एक लीटर पानी में भुट्टे के बालों को लेकर,10 मिनट तक उबाले, अब इसे निथारकर, किसी दूसरे बर्तन में कर लंे, अब उबले हुए भुट्टे के बालों को, फिर से ताजा पानी मे डालकर 10 मिनट उबाले, फिर पानी निथारकर, पहले वाले बरतन में कर लें, यह प्रक्रिया 3-4 बार करनी होगी, अब भुट्टे के बालो को फेंक दे और जिस बर्तन में पानी इकठ्ठा हुआ है, उसे ठंडा होने दे, जब यह ठंडा हो जाये तो, फिर से निथारकर, धीरे से किसी दूसरे बर्तन में कर लें, नीचे का कचड़ा नहीं जाना चाहिए, अब इसे 1-2 लीटर की मात्रा में दिन में 3-4 बार पियें (बाकी सामग्री का काढ़ा भी, ऐसे ही बनाया जाता है)। आप इसे फ्रिज में भी स्टोर कर सकते है और दोबारा गुनगुना करके भी पी सकते है।
इस प्रयोग के बाद अगर हल्की उल्टी या दर्द हो तो, कोई औषधीय न ले, स्वयं ही ठीक हो जाएगा।
Dr. (Vaidhya) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar
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