हरिद्वार। आज गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व है। करोड़ों सनातनी हिंदू आज अपने गुरुजनों की चरण वंदना कर उनका आशीर्वाद और साधना के मंत्र ग्रहण करेंगे। हरिद्वार जो की संतों की नगरी है यहां बड़े-बड़े तपस्वी और ईश्वर का साक्षात नमन इष्ट देव के रूप में देख चुके हैं। परंतु अब ऐसे तपस्वी और ब्रह्म से साक्षात्कार कर चुके अधिकांश संत ब्रह्मलीन हो चुके हैं।
वहीं कुछ छद्म संत बड़ी-बड़ी अट्टालिकाई महलों जैसी आश्रमों में सहस्त्र अंगरक्षकों के साए में अपने राजनीतिक चेलों को उनके माफिया राज की तरक्की का आशीर्वाद देंगे। हरिद्वार की अदालत में ऐसे छद्म वेशधारियों के जमीन जायदाद कंचन कामिनी जैसे मामलों के विवाद विचाराधीन है। कुछ छद्म संत वेशधारियों की दिनचर्या भगवत चिंतन, पूजा-पाठ, हवन-यज्ञ से शुरू न होकर इनका सुबह से ही सजा दरबार विराजमान भू माफियाओं तथा अनैतिक धंधा करने वालों की महफिल से शुरू होता है। करोड़ों की लक्जरी गाडि़यां एसी आश्रम सुंदर अल्प आयु की सेविकाओं की सेवा से सजे दरबार में गुरु पूजा के लिए पहुंचे यह राजनीतिक माफिया करोड़ के बेशकीमती गिफ्ट लेकर इन कथित लंपट धर्म गुरुओं के दरबार में रात्रि से ही पहुंच चुके हैं।
जो भजनानंदी जप-तप वाले महापुरुष संत हैं वहां दिखावा नहीं। सही मायने में गुरु पूजा के सही मायने और ब्रह्म ज्ञान का मार्ग अपने भक्तों को दिखाया जा रहा है। संत गणों में दोनों तरह की गुरु पूर्णिमा का दौर धर्मनगरी में जारी है।
डॉ रमेश खन्ना
वरिष्ठ पत्रकार
हरिद्वार