जनता को धोखा दे रहीं कुछ धार्मिक संस्थाएं, दशनाम व अखाड़ों के गठन को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम

प्रयागराज। श्री शंभू पंचायती आवाहन अखाड़े के श्री महंत गोपाल गिरि महाराज ने कहा कि जिन अखाड़ों का ऑडिट नही होता है और ना ही 80 जी का रजिस्टेशन है, वो करोड़ो रूपये सरकार से ले लहे है और साधुओं के साथ साथ जनता को भी धोखा दे रहे है। सरकार को इस की जांच कराकर ऐसी संस्थाओं का रजिस्टेशन रद्द कर देना चाहिए। कहा कि सरकार ओर जनता को धोखा देने वाली संस्थाओं के पदाधिकारियों के विरूद्ध कानुनी कार्यवाही कर दण्ड़ीत किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि बच्चों को भी बाबा बनाने पर रोक लगाई जानी चाहिए। साथ ही ऐसे बाबाओं को दंडित किया जाना चाहिए जो बच्चों को बाबा बनते हैं। उन्होंने कहा कि वही बच्चे
बाबा हो सकते है जो बिन्दू के गोस्वामी घर के है । बाकी नही बनाये जा सकते हैं।

वहीं उन्होंने कहा कि भगवान आदी स्वामी शंकराचार्य ने न तो कोई अखाड़ा बनाया और न ही दशनाम की संरचना की। इस प्रकार की बातें चन्द लोगों ने काल्पनिक कथा बनाई है कि शंकराचार्य ने अखाड़े बनाये। श्री शंभू पंचायती आवाहन अखाड़े के श्री महंत गोपाल गिरि महाराज ने प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में प्रेस को जारी बयान में कही।

उन्होंने कहा कि सन् 547 ई० में आवाहन अखाड़ा स्थापित हुआ जबकि सन् 646 ई० में अटल अखाड़ा , सन् 749 ई० महा निर्वाणी अखाड़ा उस के 40 वर्ष बाद सन 789 ई० में शंकराचार्य जी का जन्म हुआ और सन् 821 ई० कैलाशवाश हुआ।
कहा कि सन् 856 ई० मे आनन्द अखाड़ा हुआ सन् 904 ई० निरंजनी अखाड़ा सन् 1136 ई० मे अग्नि अखाड़ा और सन् 1156 ई० मे जूना अखाड़ा बना फिर कब शंकराचार्य जी ने अखाड़ा बनाया और दश नाम बनाया ।


उन्होंने कहा कि यह वर्षो से मिथ्या कथन फैलाया हुआ है की शंकराचार्य द्वारा अखाड़े बनाये गये और दश नाम बनाया गया। जबकि शंकरा चार्य जी ने न तो कोई अखाड़ा बनाया है न दशनाम बनाया।

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