पुलिस संग मुठभेड़ में लूट की वारदातों के गुनहगार चढ़े हत्थे, तीन बड़ी घटनाओं का हुआ खुलासा

हरिद्वार। फाइनेंस कर्मी व गैस सफ्लाईयर से लूट की घटनाओं को अंजाम देकर फरार होने वाले दो शातिर बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान घेराबंदी कर दबोच लिया। पकड़े गए दोनों बदमाशों के खिलाफ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक बीती 13 नवम्बर को लक्सर थाना क्षेत्र के ढाढेकी गांव के पास गैस सफ्लायर से 24 हजार की लूट, 21 नवंबर को ग्राम प्रतापपुर रायसी क्षेत्र में फाइनेन्स कर्मी के साथ तमंचे के बल पर लूट और फिर दो दिन बाद ही 23 नवंबर को फिर से ग्राम चिडियापुर के पास गैस सफ्लायर से लूट की घटना को अंजाम दिया गया।

क्षेत्र में एक के बाद एक तीन घटी तीन वारदातों से पुलिस पर दबाव बढ़ा तो मामले मेे पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोभाल ने सख्ती बरती और घटनाओं के शीघ्र खुलासे के निर्देश दिए। लूट की घटित वारदातों के खुलासे के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमों क्षेत्र में लगाई गई। साथ ही फाइनेन्स कम्पनी के कर्मी व गैस सफ्लायरो पर गोपनीय निगरानी रखते हुये वारदातों में इस्तेमाल मोटर साइकिल व आने-जाने वाले दुर्गम मार्गो पर निरन्तर निगरानी रखी गयी।

आखिरकार घटना पर नजर गड़ाए बैठी पुलिस ने गैस सप्लायर की गाड़ी का पीछा कर रहे दो बाइक सवार युवकों का पीछा किया। इसी दौरान पुलिस की आते देख बदमाशों ने पुलिस पर फायर किया। बदमाशो संग हुई मुठभेड़ में पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बदमाशों की पहचान अरविन्द पुत्र सुरेश निवासी ग्राम रजबपुर लक्सर हरिद्वार हाल निवासी रावली महदूद व श्रवण पुत्र रमेश निवासी ग्राम दौलतपुर थाना बहादराबाद हाल निवासी धनौरी थाना कलियर के रूप में की गई।

पकड़े गए बदमाशों ने खुलासा किया कि पूर्व में जेल में एक दूसरे के सम्पर्क में आकर दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी थी। जेल से छुटने के बाद दोनो ने रोजमर्रा में नगदी जेब में लेकर चलने वालों की रैंकी कर फाईनेन्स कम्पनी के कर्मचारी व गैस सिलेन्डर सफ्लायर का पीछा कर सुनसान जगहो पर अपना निशाना बनाते थे और लूट की घटना को अंजाम देकर किराये का कमरा लेकर कई दिनो तक छुप जाते थे। घटना करने के पश्चात भागने के लिये सीसीटीवी कैमरो से बचने हेतु खेतो व जगलों के रास्तों को आने व जाने के लिये इस्तमाल करते थे।


पकड़े गए आरोपियों ने उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी लूट की कई घटनाओं को अंजाम दिया जिसके चलते दोनों पर अलग अलग थानों मेे दर्जनों मुकदमें दर्ज है। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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