प्रयागराज कुंभ को लेकर आयोजित बैठक में संतों के बीच जमकर लात-घूसें चले। दोनों ओर से एक-दूसरे पर थप्पड, घूसे बरसाए गए। संतों के बीच मारपीट के चलते अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
प्रशासन के साथ होने वाली बैठक मारपीट के कारण नहीं हो सकी।
मारपीट के पीछे पुरानी अवायत बतायी जा रही है। चर्चा है कि एक-दूसरे को शह-मात देने की सोच के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। चर्चा है कि अपना पद बचाने के लिए दूसरे संत को हटाने की रणनीति पर अमल किया जा रहा था। हालांकि असली वजह क्या है यह अभी स्पष्ट नहीं हो पायी है।