हरिद्वार। संत बाहुल्य नगरी हरिद्वार के संतों की लीला भी निराली है। भगवे की आड़ लेकर कुछ कथित संत जहां लोगों की पीड़ा दूर करने के उपाय बताते हैं, तो कुछ अपने मायाजाल के चलते दूसरों को ठगने का कार्य बड़ी बखूबी के साथ करते हैं। इतना ही नहीं बहुत लोगों के लिए ऐसे कथित बाबा परेशान का सबब बने हुए हैं।
अब अपने ऊपर संकट मंडराता देख बाबा तांत्रिकों की शरण में घूम रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कई प्रकार की समस्याओं ने बाबा को घेरा हुआ है और इसी के चलते बाबा अंदर ही अंदर परेशान भी हैं। वैसे इनकी लीलाओं के किस्से आम आदमी से लेकर शासन-प्रशासन सभी जानते हैं। आम आदमी इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता, जबकि प्रशासन इनके खिलाफ कुछ करने की सामर्थ्य नहीं जुटा पाता और सरकार अपने वोट बैंक को दृष्टिगत इनके खिलाफ कुछ करने को तैयार नहीं हैं।
सूत्र बताते हैं कि बाबा अपनी पद-प्रतिष्ठा और अन्य झमेलों से घिरे होने के कारण उनकी निवृत्ति के लिए इन दिनों तांत्रिकों के सम्पर्क में हैं। फिलहाल बाबा ने भगवान विश्वनाथ की नगरी में कुछ तांत्रिकों से सम्पर्क किया और समस्या के निवारणार्थ तांत्रिक अनुष्ठान आयोजित करने की गुजारिश की। फिलहाल बाबा शत्रुओं का नाश करने के लिए प्रसिद्ध पीताम्बरा पीठ में तांत्रिक अनुष्ठान करवाने की तैयारी में हैं। इन दिनों ने बाबा ने यहां ही डेरा डाला हुआ है।
आज तक दूसरांे के लिए परेशानी खड़ी करने वाले बाबा को अब परेशानी का मतलब समझ में आने लगा है। यही कारण है की बाबा को तांत्रिकों की शरण लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। अब तांत्रिक बाबा का कितना भला करते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। बहरहाल तांत्रिकों की शरण में जाने से इतना तो साफ हो गया है कि बाबा भी अब इस बात को मानने लगा है की उस पर संकट में बादल छाए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो बाबा पर संकट के बादल कभी भी बरस सकते हैं। चाहे वह तांत्रिक अनुष्ठान कराए या कुछ अन्य उपाय।


