रामप्रकाश गोयल ने अपूर्व वालिया के आरोपों को बताया निराधार, बताया जान का खतरा

प्रशासन से लगाई निष्पक्ष जांच व न्याय की गुहार


हरिद्वार।
भू व्यवसायी अपूर्व वालिया द्वारा किराना व्यापारी रामप्रकाश गोयल व परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप कनखल थाने में दर्ज कराए मुकदमें को रामप्रकाश गोयल ने तथ्यहीन व निराधार बताते हुए प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।


मंगलवार को प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए रामप्रकाश गोयल ने बताया कि जो आरोप धोखाधड़ी के अपूर्व वालिया पुत्र प्रमोद वालिया निवासी ग्राम जगजीतपुर ने लगाए हैं, वह पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने कहाकि अपूर्व वालिया ने दर्ज मुकदमे में कहाकि उसने दो करोड़ रुपये की धनराशि उनके व उनके परिवार तथा रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर की है। यदि ऐसा है तो अपूर्व वालिया को ट्रांसफर की गई रकम की बैंक ट्रांजेक्शन भी सार्वजनिक करनी चाहिए।


श्री गोयल ने कहाकि जिस सम्पत्ति को शत्रु सम्पत्ति कहकर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बेचने का बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है, उस खसरा नंम्बर की जमीन न तो उनकी है और न ही उन्होंने उसे विक्रय की है। शत्रु सम्पत्ति का खसरा नंम्बर 255 है, जिसका उनसे कोई लेना-देना नहीं है। जबकि सत्यता यह है कि जो भूमि उन्होंने अपूर्व वालिया को बेची थी, उसके अतिरिक्त करीब 13 हजार फुट के लगभग जमीन को कब्जा कर अपूर्व वालिया द्वारा बेच दिया गया।


श्री गोयल ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री के समय 9 चैक अपूर्व वालिया के द्वारा एक करोड़ 11 लाख की धनराशि के उन्हें दिए गए थे, जिनका उल्लेख रजिस्ट्री में भी अंकित है, वह सब अनादृत हो गए। जबकि अपूर्व वालिया दो करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को समाज में तार-तार करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहाकि अपूर्व वालिया शातिर व धोखेबाज किस्म का व्यक्ति है। पूर्व में भी अपूर्व वालिया जमीन कब्जाने के प्रयास के आरोप में जेल जा चुका है और अभी जमानत पर बाहर है।


उन्होंने अपूर्व वालिया से अपने व अपने परिवार की जान-माल को खतरा बताते हुए पंुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की गुहार लगाई। उनका कहना था कि यदि उनको व उनके परिवार के किसी भी सदस्य के साथ कोई भी अनहोनी घटना घटित होती है तो उसका जिम्मेदार पूरी तरह से अपूर्व वालिया होगा। उन्होंने पुलिस ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई।

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